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________________ 262 जैन आगम : वनस्पति कोश वांगी। गु०-रिंगणा, वेंगण, वंताक। क०-बदने। ते०-बंकाया। ता०-कत्तरिक्काइ। फा०-वांदगान। अ०-वार्दजान, वादंजान, वाजंजान। अं०-Bringal (ब्रिञ्जल) Egg Plant (एगप्लॅन्ट) लेo-Solanum melongena Linn (सोलेनम् मेलोंगेना) Fam. Solanaceae (सोलेन्सी)। ले०-Wagatea spicata Dolz (वागेटिया स्पिकेटा)। उत्पत्ति स्थान-यह पश्चिमी पेनिनसुला की पहाड़ियों में पैदा होती है। विवरण-यह शिम्बी कुल की एक मजबूत और कांटेवाली झाड़ी कंटकरंज की झाड़ी के समान होती है। इसकी डालियां लंबी और तीक्ष्ण कांटों वाली होती है। इसके पत्ते कंटकरंज के पत्तों के समान और फूल सिंदुरी रंग के, मंजरियों की तरह होते हैं। इसकी फलियां बड़ी-बड़ी होती हैं और हर एक फली में 4 या 5 बीज होते हैं। (धन्वन्तरि वनौषधि विशेषांक भाग ६ पृ० १६५) बैंगन उत्पत्ति स्थान-यह प्रसिद्ध फल शाक प्रायः सब प्रान्तों में उत्पन्न होता है। विवरण-इसका क्षुप ३ फीट तक ऊंचा होता है। पत्ते वनभांटे के समान परन्तु इनसे लंबे चौड़े होते हैं। फूल कंटकारी के समान बैंगनी रंग के और फल गोल लंबे होते हैं। किसी के फल गोल, हरे और बैंगनी रंग के, किसी के गोलाई लिये लंबे सफेद होते हैं। (भाव०नि० शाकवर्ग पृ० ६६०) वालुंक वालुंक (वालुक) बालुकासाग पृ० १/४८/४८ वालुक के पर्यायवाची नाम एलवालुकमालूकमैलेयं हरिवालुकम् एल्वालु क कपित्थत्वक् गन्धत्वक चैव वालुकम् ।।१३२३।। कुष्ठगन्धि सुगन्धि स्यात्, सुवर्णप्रसरं दृढम् ।। एलवालुक, आलुक, ऐलेय, हरिवालुक, एल्वालुक, कपित्थत्वक्, गन्धत्वक्, वालुक, कुष्ठगंधि, सुगंधि, सुवर्णप्रसर, दृढ ये वालुक के पर्याय हैं। (कैयदेव०नि० औषधिवर्ग० पृ० २४५) अन्य भाषाओं में नाम हि०-वालुकासाग। बं०-वालुक। म०-वालुची भाजी। त०-मनल्किरै। ते०-एस कदन्तिकुर । ले०-Gisekia pharanaceoides Linn (गिसे किआ फार्नेसिओइडिस् लिन०) Fam. Ficoidaceae (फिकोइडेंसी)। उत्पत्ति स्थान-यह वनस्पति पंजाब, सिंध, दक्षिण तथा सिलोन में होती है। विवरण-इसके क्षुप छोटे, फैले हुये तथा अनेक शाखाओं से युक्त होते हैं। पत्र विपरीत, मांसल, अखंड, अंडाकृति, करीब १ इंच लंबे तथा आधार की तरफ नोकीले होते हैं। पुष्प अनेक। फल बाह्यदल से आवृत झिल्लीदार होते हैं। बीज काले से, पृष्ठ पर गोलाई लिये हुये एवं श्वेत छोटी ग्रंथियों से युक्त होते हैं। बंगाल में वागली वागली ( ) वागटी प. १/४०/२ विमर्श-वागली का वागटी रूप अधिक निकट का लगता है। यह हिन्दी भाषा का शब्द है। अन्य भाषाओं में नाम सं०-गुच्छ करंज। हि०-वागटी, वाकेरी, कुडगजगा । बम्बई०-वागटी, वाकेरी। कोकण-वागटी। म०-वागटी, वाकेरी। ते०-ओक्काड़ि, कोदिढ़। कo-वागटी, हूलीगंजी। ता०-पुलिनाक्का, गोंडाई। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016039
Book TitleJain Agam Vanaspati kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechandmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size8 MB
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