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________________ ( 80 ) ४-इनसे लेश्यारहित जीव अनन्तगुणा हैं। ५-इनसे कापोतलेश्या वाले जीव अनन्तगुणा हैं । ६-इनसे नीललेश्या वाले जीव विशेषाधिक है। ७-इनसे कृष्णलेश्या वाले जीव विशेषाधिक है। ८-इनसे सलेशी जीव विशेषाधिक है। नारकी जीवों में १-सबसे कम कृष्णलेश्या वाले होते हैं । २-इनसे नीललेश्या वाले असंख्यातगुणा हैं । ३-इनसे कापोतलेश्या वाले असंख्यातगुणा हैं । तिर्यञ्चयोनिक जीवों में १-सबसे कम जीव शुक्ललेश्या वाले होते है । २-इनसे पद्मलेश्या वाले जीव संख्यातगुणा हैं। ३-इनसे तेजलेश्या वाले जीव संख्यातगुणा हैं । ४-इनसे कापोतलेश्या वाले जीव अनन्तगुणा हैं। ५-इनसे नीललेश्या वाले जीव विशेषाधिक हैं। ६-इनसे कृष्णलेश्या वाले जीव विशेषाधिक हैं। एकेन्द्रिय जीवों में १-सबसे कम तेजुलेश्या वाले जीव होते हैं । २-इनसे कापोतलेश्या वाले जीव अनन्तगुणा हैं । ३-इनसे नीललेश्या वाले जीव विशेषाधिक हैं। ४-इनसे कृष्णलेश्या वाले जीव विशेषाधिक हैं। पृथ्वीकायिक जीवों में १-सबसे कम तेजुलेश्या वाले जीव होते हैं । २-इनसे कापोतलेश्या वाले जीव असंख्यातगुणा हैं। ३-इनसे नीललेश्या वाले जीव विशेषाधिक हैं। ४-इनसे कृष्णलेश्या वाले जीव विशेषाधिक हैं। अप्कायिक जीवों मेंपृथ्वीकायिक जीवों की तरह जानना चाहिए । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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