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________________ ( 75 ) पांच इन्द्रिय बलप्राण ५, मनो-वचन-कायबल प्राण ३, श्वासोच्छ्वास और आयुष्य --- ये दस प्राण हैं । एकेन्द्रिय में चार प्राण, विकलेन्द्रिय में छः, सात, आठ, असंज्ञी में व संज्ञी में १० प्राण होते हैं । नौ प्राण के धारक सलेशी ही होते हैं लेकिन आयुष्य प्राण के धारक अलेशी भी होते हैं । आगम में क्रमवद्ध दस प्राणों की व्याख्या नहीं मिलती है । लेश्या ध्यान भावधारा को बदलने की प्रक्रिया है । भावधारा व्यक्ति की आत्मा को शुभाशुभ में प्रेरित करती है । अशुभ भाव से अशुभ क्रिया होती है और शुभ भाव से शुभ क्रिया । प्रत्येक शुभाशुभ भाव का अपना रंग होता है । जैसे भाव उत्पन्न होते हैं वैसे ही रंग का निर्माण होता है । इन रंगों से हमारी आत्मा प्रभावित होती है तथा तथानुरूप क्रिया करने लगती है । लेश्या ध्यान में रंगों का अवलम्बन लेकर आन्तरिक रंगों में बदलाव लाया जाता है । आगम साहित्य में तीन अशुभ लेश्याएं मानी गई हैं- कृष्ण, नील और कापोत । तेज, पद्म और शुक्ल — ये तीन शुभ लेश्याएं मानी गई है । व्यक्ति की चित्तधारा धर्म की ओर अभिमुख होती है । रंग के माध्यम से चित्त की शुभधारा में प्रस्थापित किया जाता है । प्रशस्त शुभ लेश्याओं से लेश्या ध्यान में कलर भ्रमविध्वंसन की हुंडी में श्री मज्जयाचार्य ने पंच आस्रवद्वार को कृष्ण लेश्या का लक्षण कहा है। भारतीय संस्कृति, जीवन दर्शन और साधना के विकास में भगवान महावीर तथा भगवान बुद्ध का अनन्य योगदान रहा है । श्रमण परम्परा, जिसका आधार बोध के साथ शम, सम एवं श्रम रहा है, के दोनों देदीप्यमान प्रकाश स्तम्भ थे । संस्कृत में 'पश्य' एक स्वतन्त्र धातु नहीं है । होता है । प्राकृत और पालि, जो प्राकृत का ही दोनों धातुएँ विद्यमान है । 'दृश्' धातु को 'पश्य' आदेश एक रूप है, जो दृश् व 'पश्य' ज्ञानार्णव का दूसरा नाम योगार्णव है । करने योग्य, जानने योग्य सम्पूर्ण जैन सिद्धान्त का रहस्य भरा हुआ है । 'करकंकन को आरसी क्या' अर्थात् पाठक स्वयं इसका अध्ययन करके लाभ लेंगे । १. आस्रवाधिकार बोल नं० २ Jain Education International इसमें योगीश्वरों के आचरण For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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