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________________ लेश्या-कोश ५३९ ज्योतिप्रसाद जैन का अंग्रेजी फोरवाई है। सहायक ग्रन्थ सूची। संकेताक्षर सूची, दशमलव वर्गीकरणानुसार विषयानुक्रम आदि सभी आवश्यक अंग है। जैन दर्शन समिति कलकत्ता के मंत्री श्री मोहनलाल बैद व उनके सहयोगी इस महत्वपूर्ण प्रकाशन के लिए साधुवाद के पात्र हैं और पं० चीचन्द चोरड़िया तो इस उपलब्धि के लिए बधाई के पात्र हैं। ग्रन्थ संग्रहणीय है । जैन सिद्धांत भास्कर, जुलाई १९८१ प्रस्तुत ग्रन्थ सम्पादकद्वय के ज्ञान तथा लग्न का ज्वलन्त प्रतीक है। भगवान महावीर के जीवन को आगम तथा आगमेतर मौलिक ग्रन्थों के सन्दर्भो में प्रस्तुत किया गया है। आम व्यक्ति को उसे पढ़ने में भले बहुत रुचि न हो, पर शोध विद्यार्थियों के लिए यह बहुत उपयोगी तथा मूल्यवान कृति है। ग्रन्थ की सूची १६ पृष्ठों में दी गई है, जिससे विभाग और उप-विभाग में देखकर पाठक अपना इच्छित संदर्भ तुरन्त निकाल सकता है । ग्रन्थ के प्रारम्भ में ही माता-पिता आदि का परिचय देते हुए महावीर के प्रमुख साधु-साध्वियों तथा श्रावक-श्राविकाओं के नाम भी दिये गये हैं। जबकि यह सारा विषय महावीर को केवल ज्ञान प्राप्त होने के बाद का है। संदर्भ ग्रन्थों में भी पूर्वापर सम्बन्ध पर ध्यान नहीं दिया गया है। विविध विभाग के अन्तर्गत 'जनेतर ग्रन्थों में भगवान का प्रसंग' देखकर लगता है, इस विषय पर अभी काफी खोज की अपेक्षा है। इस प्रकार के सन्दर्भ ग्रन्थ पढ़कर खत्म कर देने के लिये नहीं, अपितु सदा-सदा सहेज कर रखने के लिये होते हैं और इस दृष्टि से इनकी छपाई बंधाई आकर्षक तथा टिकाऊ होनी चाहिए। ग्रन्थ का मूल्य प्रकाशक के प्रस्तुतीकरण में उभरा नहीं है। भगवान महावीर पर बहुत सा साहित्य प्रकाशित हुआ है, पर इस ग्रन्थ ने एक नया आयाम जोड़ा है। सर्वथा अपने प्रकार का अकेला निर्विकल्प ग्रन्थ । -हर्षचन्द्र कथालोक-अक्टूबर-नवम्बर १९८१ भगवान महावीर के जीबन तथ्यों से सम्बद्ध, इस महाकोश में ८६ ग्रन्थों का उपयोग किया गया है। पुस्तक बहुत ही उपयोगी है। प्रस्तुत ग्रन्थ में चौबीसवें तीर्थङ्कर भगवान महावीर के जीवन से सम्बन्धित च्यवन से परिनिर्वाण तक की शास्त्रीय सामग्री संकलित की गई है इस सामग्री चयन के लिए मूल श्वेताम्बर जैन आगमों उनकी टीकाओं, नियुक्ति, भाष्य, चूर्णि, कषाय पाहुड़ और अन्य Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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