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________________ २३२ लेश्या-कोश × × × एवं जाव - अच्चुयदेवा XXX ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएँ होती हैं । ( देखो पाठ ५८ २ε२ ) —– भग० श २४ | उ २४ । सू २० । पृ० ८५० *५८३१ प्राणत देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में *५८*३१*१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से प्राणत देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में- गमक- १-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से प्राणत देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८ ३०१ ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएँ होती हैं । — भग० श २४ । उ २४ । सू २० । पृ० ८५० *५८३२ आरण देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में— '५८३२१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से आरण देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में— गमक- १-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से आरण देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८ ३०१ ) उनमे नौ गमकों में ही छः लेश्याएँ होती हैं । - भग० श २४ । उ २४ । सू २० । पृ० ८५० *५८३३ अच्युत देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में— *५८ ३३१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से अच्युत देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में— गमक- १-६ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से अच्युत देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ५८३०१ ) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याएँ होती हैं । — भग० श २४ । उ २४ । सू २० । पृ० ८५० *५८३४ ग्रवेयक देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में Jain Education International *५८ ३४१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से नौवेयक देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में— For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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