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________________ लेश्या-कोश २१५ गमक-१-६. पंकप्रभापृथ्वी के नारकी से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (देखो पाठ '५८.१६.३ ) उनमें नौ गमकों में ही एक नीललेश्या होती है । ( देखो '५३.५ ) --भग० श २४ । उ २१ । सू२ । पृ० ८४४ .५८ १६.५ धूमप्रभापृथ्वी के नारकी से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में गमक-१-६ धूमप्रभापृथ्वी के नारकी से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ·५८ १६.३ ) उनमें नौ गमकों में ही कृष्ण और नील दो लेश्या होती हैं । ( देखो '५३.६ ) -भग० श २४ । उ २१ । सू २ । पृ० ८४४ .५८ १६.६ तमप्रभापृथ्वी के नारकी से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में गमक-१-६ तमप्रभापृथ्वी के नारकी से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( देखो पाठ ·५८.१६-३ ) उनमें नौ गमकों में ही एक कृष्णलेश्या होती है। ( देखो .५३ ७ ) ---भग० श २४ । उ २१ । सू २ । पृ० ८४४ .५८ १६.७ पृथ्वीकायिक जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में गमक–१-६ पृथ्वीकायिक जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( पुढविक्काइए णं भंते ! जे भविए मणुस्सेसु उववज्जित्तए xxx ते णं भंते ! जीवा० ? एवं जहेव पंचिंदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जमाणस्स पुढविकाइयम्स वत्तव्वया सा चेव इह वि उववज्जमाणस्स भाणियव्वा णवसु गमएसु x x x सेसं तं चेव निरवसेसं ) उनमें प्रथम के तीन गमकों में चार लेश्या, मध्यम के तीन गमकों में तीन लेश्या तथा शेष के तीन गमकों में चार लेश्या होती हैं। ( देखो '५८ १८८1 '५८.१०.१) -भग० श २४ । उ २१ । सू ४-५ । पृ० ८४४ .५८ १९ ८ अप्कायिक जीवों से मनुष्य योनि में उत्पन्न होने योग्य जीवों में-- Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016038
Book TitleLeshya kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year2001
Total Pages740
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
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