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________________ पृष्ठ १६५ १६८ १६६ २०१ २०१ २०८ २०६ २०६ २१४ २२४ २३० २३२ २४६-२५७ विषय .७८ सलेशी जीव और कर्म प्रकृति का सत्ता-बंधन-वेदन •७६ सलेशी जीव और अल्पकर्मतर-बहुकर्मतर '८० सलेशी जीव और अल्पऋद्धि-महाऋद्धि '८१ सलेशी जीव और बोधि । '८२ सलेशी जीव और समवसरण '८३ सलेशी जीव और आहारक-अनाहारकत्व '८४ सलेशी जीव के भेद '८५ सलेशी क्षुद्रयुग्म जीव '८६ सलेशी महायुग्म जीव '८७ सलेशी राशियुग्म जीव ८८ सलेशी जीवों का आठ पदों से विवेचन EE सलेशी जीव और अल्पबहुत्व ह लेश्या और विविध विषय लेश्याकरण '६२ लेश्यानिर्वृत्ति "६३ लेश्या और प्रतिक्रमण '६४ लेश्या शाश्वत भाव है '६५ लेश्या और ध्यान '६६ लेश्या और मरण ६७. लेश्या परिणामों को समझाने के लिए दृष्टान्त ६८ जेनेतर ग्रन्थों में लेश्या के समतुल्य वर्णन '६६ लेश्या सम्बन्धी फुटकर पाठ 'EE १ भिक्षु और लेश्या '६६२ देवता और उनकी दिव्य लेश्या '६६ ३ नारकी और लेश्या परिणाम '६६४ निक्षिप्त तेजोलेश्या के पुद्गल अचित्त होते हैं '६६ ५ परिहारविशुद्ध चारित्री और लेश्या ६.६ लेसणा-बंध '६६.७ नारकी और देवता की द्रव्यलेश्या [ 38 ] २४६ २४७ २४७ २४८ २५० २५१ २५४ २५७-२८३ २५७ २५८ २५८ २५६ २५६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016037
Book TitleLeshya kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1966
Total Pages338
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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