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________________ १३८ लेश्या-कोश '५८ २२.४ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से सौधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में:गमक–१-६ : संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से सौधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (जइ संखेज्जवासाउयसन्निमणुस्सेहितो० ? एवं संखेज्जवासाउयसन्निमणुस्साणं जहेव असुरकुमारेसु उववज्जमाणाणं तहेव णव गमगा भाणियव्वा । xxx सेसं तं चेव) उनमें नौ गमकों में ही छः लेश्याए होती हैं ( ५८८५)। -भग० श २४ । उ २४ । प्र ११ । पृ० ८४६ "५८२३ ईशान देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :'५८ २३.१ असंख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेंद्रिय तिथंच योनि से ईशान देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :गमक-१-४, ७-६ : असंख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि से ईशान देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं (ईसाणदेवाणं एस चेव सोहम्मगदेवसरिसा वत्तव्वया । xxx सेसं तहेव) उनमें सात गमक होते हैं तथा इन सातों गमकों में प्रथम की चार लेश्याएं होती हैं (५८२२.१)। -भग० श २४ । उ २४ । प्र १२ । पृ० ८४६.५० . ५८.२३.२ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि से ईशान देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :गमक-१-६ : संख्यात वर्ष की आयुवाले संशी पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनि से ईशान देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( संखेज्जवासाउयाणं तिरिक्खजोणियाणं मणुस्साण य जहव सोहम्मेसु उववजमाणाणं तहेव निरवसेसं णव वि गमगा) उनमें प्रथम के तीन गमकों में छः लेश्याएं, मध्यम के तीन गमकों में चार लेश्याए तथा शेष के तीन गमकों में छः लेश्याएं होती हैं ( "५८२२२)। -- भग० श २४ । उ २४ । प्र १४ । पृ० ८५० “५८२३.३ असंख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य योनि से ईशान देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :गमक-१-४, ७-६ : असंख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञो मनुष्य योनि से ईशान देवों में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( असंखज्जवासाउयसन्निमणुसस्स वि तहेव xxx जहा पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स असंखज्जवासाउयस्स xxx सेसं तहव) उनमें सात गमक होते हैं तथा इन सातों गमकों में प्रथम की चार लेश्याएं होती हैं (५८२३३)। -भग० श २४ । उ २४ । प्र १३ । पृ० ८५० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016037
Book TitleLeshya kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1966
Total Pages338
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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