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________________ इसके बाद निरंतर क्या करना है। तत्काल और भविष्य में सदा के लिए श्रेय रूप ऐसा क्या कार्य करना चाहिए । सुर्याभदेव ऐसा विचार करता है। वहाँ तुरन्त ही उसकी सामानिक सभा के देव हाथ जोड़कर सेवा में उपस्थित हुए और जय हो, विजय हो-ऐसा बोलकर स्वामी स्वामी की बघावना करते हुए उसके पास आकर कहने लगे हे देवानुप्रिय! अपने इस विमान में एक मोटा सिद्धायतन है। वहाँ जिनकी ऊँचाई में ऊँची ऐसी एक सौ आठ जिन प्रतिमा विराजित है। आपकी सुधर्म सभा में एक मोटा माणवक चैत्य वृक्ष खड़ा किया हुआ है। उसमें गोठवी रखे हुये वज्रमय गोल डब्बे में जिनकी अस्थियाँ स्थापना रूप में रखी हुई है। ये अस्थियाँ आपको और हमको सर्व को अर्चनीय, वंदनीय और उपासनीय है। [१३४] तए णं से सूरियाभे देवे तेसिं सामाणिय परिसोववन्नगाणं देवाणं अंतिए एयम सोचा निसम्म हहतुह-जाव [पृ० ४७ ५० ३-]-हयहियए सयणिजाओ अब्भुढे ति सयणिजाओ अब्भुट्टत्ता उवधायसभाओ पुरथिमिल्लेणं दारेणं निग्गच्छद, जेणेष हरए तेणेव उवागच्छति, उवागच्छित्ता हरयं अणुपयाहिणीकरेमाणे अणुपयाहिणीकरेमाणे पुरथिमिल्लेणं तोरणेणं अणुपषिसइ अणुपषिसित्ता पुरथिमिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पञ्चोरुहइ पञ्चोरुहित्ता जलाधगाहं जलमजणं करेइ करित्ता मलकिड करेइ करित्ता जलाभिसेयं करेइ करिता आयंते खोक्खे परमसुईभूए हरयाओ पश्चोत्तरइ पश्चोत्तरित्ता जेणेष अभिसेयसभं तेणेष उवागच्छति तेणेव उवागच्छित्ता अभिसेयसभं अणुपयाहिणीकरेमाणे अणुपयाहिणीकरेमाणे पुरथिमिल्लेणं दारेणं अणुपधिसइ अणुपषिसित्ता जेणेष सीहासणे तेणेष उवागच्छइ उवागच्छित्ता सीहासणवरगए पुरत्थिाभिमुहे सनिसन्ने। [१३५] तए णं सूरियामरस देवस्स सामाणियपरिसोववन्नगा देवा अभिओगिए देवे सहाचेति सहावित्ता एवं बयासी-खिप्पामेव भो। देवाणुप्पिया! सूरियाभस्स देवस्स महत्थं महग्धं महरिहं विउलं इंदाभिसेयं उघहवेह। -राय० सू. १३४-१३५ सुर्याभदेव उक्त सूचना सुनकर देवशय्या में से तुरन्त बैठ गया। वहाँ से उपपात सभा के पूर्व द्वार से निकलकर पहले स्वच्छ जल से भरे हुए मोटा धरा की तरफ गया । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016034
Book TitleVardhaman Jivan kosha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1988
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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