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________________ ( १०४ ) तपणं से जमाली खत्तियकुमारे नयणमालासहस्सेहि: पेच्छिजमाणेपेच्छिजमाणे हिययमालासहस्सेहि अत्रिणं दिजमाणे- अभिनंदिजमाणे मणोरहमालासहस्सेहिं विच्छिष्पमाणे विच्छिष्पमाणे वयणमालासहस्सेहिं अभियुव्वमाणे- अभिव्वमाणे कंतिसोहग्गगुणेहिं पत्थिज्जमाणे- पत्थिज्जमाणे बहूणं नरनारिसहस्साणं दाहिणहत्थेणं अंजलिमाला सहस्साइं पडिच्छमाणे- पडिच्छमाणे मंजु-मंजुणा घोसेणं आपडिपुच्छमाणे- आपडिपुच्छमाणे भवनपंतिसहस्साई समइच्छमाणे-समइच्छमाणे खत्तियकुंडग्गामे नयरे मज्झंमज्झेणं निग्गच्छर, निग्गच्छित्ता जेणेव माहणकुंडग्गामे नयरे जेणेव बहुसालए चेइए तेणेव उवागच्छर, उवागच्छित्ता छत्तादीप तिव्थगरातिसए पासइ, पालित्ता पुरिसस हस्सवाहिणि सीयं वेइ, पुरिससहस्वाहिणीओ सीयाओ पश्चोरुहइ । - भग श ६/३३३ / यू २०६ पातिक सूत्र में वर्णित कौणिक के प्रसंगानुसार जमालीकुमार हजार पुरुषों से देखा जाता हुआ ब्राह्मणकुंड-ग्राम नगर के बाहर बहुशाल उद्यान में आया और तीर्थंकर भगवान् के छत्र आदि अतिशयों को देखते ही सहस्रपुरुष वाहिनी से नीचे उतरा । तपणं जमालि खत्तियकुमारं अम्मापियरो पुरओ काउ' जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागछति, उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेंति, करेत्ता वंदति नर्मसंति-वंदित्ता नमंसित्ता एवं वयासी - एवं खलु भंते ! जमाली खत्तियकुमारे अम्हं एगे पुत्ते इट्टे कंते पिए मणुण्णे मणामे थेज्जे वेसासिए संमए बहुमए अणुमए भंडकरंडगसमाणे रयणे रयणन्भूए जीविऊसविए हिययनं दिजणणे उंबर पुज्फ पिव दुल्लभे सवणयाए किमंग ! पुण पासणयाए ? से जहा नामए उप्पले इ वा, पउमे इ वा जाव सहस्तपत्ते इ वा पंके जाए जले संवुडे नोवलिप्पति पंकरएणं, नोवलिप्पति जलरएणं, एवामेव जमाली वि खत्तियकुमारे कामेहिं जाए, भोगेहिं संबुड्ढे नोवलिप्पति कामरएणं नोवलिप्यति भोगरपणं नोवलिप्पति मित्त-णाइ-णियग-सयणसंबंधि- परिजणेणं । एसणं देवाणुपिया ! संसारभयुग्विग्गे भीए जम्मण-मरणेणं, इच्छाइ देवाप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पवइत्तर । तं पर्यणं देवाप्पियाणं अम्हे सीसभिक्खं दलयामो, पडिच्छंतु णं देषाणुपिया | सीसभिक्खं । - भग० श ६/३३३ / सू० २१० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016034
Book TitleVardhaman Jivan kosha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1988
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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