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विषय •३२.१ देव रूप में उत्पन्न '३२.२ अच्युत स्वर्ग का इन्द्र अथवा प्राणत स्वर्ग का इन्द्र '३२३ आहार-श्वासोच्छ्वास-ज्ञान •३२.४ पुष्पोत्तर विमान में भगवान महावीर का जीव और भाविजन्म-क्षेत्र में धनवर्षा '३३ वर्धमान तीर्थकर-भगवान् महावीर '३३.१ गर्भप्रदेश •३३.२ प्रियकारिणी ( त्रिशला ) के गर्भ के समय धन-वर्षा '३३क भगवान् महावीर-देवानंदा-गर्भ में .३३ख त्रिशला-गर्भ में ( सिद्धार्थ राजा की पत्नी ) •३३ख १ गर्भ विवेचन •३३ख'२ गर्भका प्रभाव-त्रिशला के गर्भ के समय धन-वर्षा •३३ख.३ त्रिशला के गर्भ में अभिग्रह •३३ख ४ वर्धमान का वंश •३३ख ५ बर्धमान भगवान् का शरीर •३३ख ६ वर्धमान भगवान् के शरीर के अवयवों का विवेचन (क) शिख-नख विवेचन •३३ख ७ बाल्यावस्था में अध्ययन '३३ख' बु.मारादि पर्याय '३३' आमलकी क्रीडा '३३ख १० चक्रवर्ती की कल्पना •३३ख.११ भगवान् के अभिनिष्क्रमण का विचार और नंदीवर्धन •३३ख'१२ नंदीवर्धन के आग्रह पर दो वर्ष और गृहस्थावास में •३३ख.१३ साधिक दो वर्ष में विविध-नियम
.१- रात्रि-भोजन न करने तथा सचित्त जल न पीने की प्रतिज्ञा
'२- एकत्व भावना •३३ख १४ जीव-सचित्त-अचित्त का ज्ञान '३३ख १५ दीक्षा-पर्याय •३३१६ प्रथम-भिक्षा-दाता ने कैसी भिक्षा दी .३३ख १७ जम्भक देवों द्वारा प्रथम पारणे में वृष्टि •३३.१८ भगवान् के छद्मस्थ-अवस्था का ज्ञान
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