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________________ कतिपय व्यक्तियों ने अग्रिम ग्राहक बनकर हमारा उत्साह बढ़ाया है और हमें आशा है कि सभी जैन बंधु इस कार्य में सहयोगी होंगे । मेरे सहयोगी — जैन दर्शन समिति के सभापति श्री नवरतनमल सुराना, उपसभापति श्री हनुतमल बांठिया, श्री मांगीलाल लूणिया, श्री धर्मचन्द राखेचा, श्री बच्छराज सेठिया, श्री चंदमल मणोत, श्री जंवरीमल बंद आदि समिति के उत्साही सदस्यों, शुभ चिन्तकों, एवं संरक्षकों का साह्य और निष्ठा का उल्लेख करना मेरा कर्तव्य है । जिनकी इच्छाएँ और परिकल्पनायें मूर्तरूप में मेरे सामने आ रही 1 स्व० श्री सूरजमलजी सुराना का भी हमें अभूतपूर्व सहयोग रहा है । से जैन दर्शन समिति ने जैन दर्शन के प्रचार करने के उद्देश्य सभी समुदाय से हमारा अनुरोध है कि 'वर्धमान जीवन कोश' द्वितीय के विद्वानों भंडारों में, पुस्तकालयों में उसका यथोचित वितरण करने में मिश्रा आर्ट प्रेस तथा उनके कर्मचारी भी धन्यवाद के पात्र हैं। जिन्होंने अनेक बाधाओं के होते हुए भी ( प्रेस कर्मचारियों की हड़ताल, बिजली लोडशेडिंग आदि ) प्रकाशित करने में सक्षम रहे । १० सितम्बर १६८४ कलकत्ता इसका मूल्य केवल ६५ ) रखा है । जैनेतर खंड को कय करके अंततः अपने सम्प्रदाय सहयोग दे । Jain Education International ( 16 ) For Private & Personal Use Only मोहनलाल बैद मंत्री जैन दर्शन समिति www.jainelibrary.org
SR No.016033
Book TitleVardhaman Jivan kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1984
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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