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________________ ६०२ पुद्गल-कोश दव्वट्टयाए पसट्टयाए दव्धटुपएसट्टयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा ४ ? गोयमा ! सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स संखेज्जप एसियस्स संखेज्जपरसोगाढस्स बव्वट्टयाए एगे अचरिमे १, चरिमाई संखेज्जगुणाई २, अचरिमं च चरिमाणि य दोवि विसेसाहियाई । पएसट्टयाए सव्वत्योवा | परिमंडलस्स संठाणस्स संखेज्जपएसियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स चरिमंतपएसा १, अचरिमंतपसा संखेज्जगुणा २, चरिमंतपसा य अचरिमंतपएसा य दोवि विसेसाहिया ३ । दव्वट्टपएसटुयाए सव्वत्थोवे परिमंडलस्स संठाणस्स संखेज्जपएसियस्स संखेज्जपएसोगाढस्स दव्वट्टयाए एगे अचरिमे १, चरिमाई संखेज्जगुणाई २, अचरिमं च चरिमाणि य दोषि विसेसाहियाई ३, चरिमं तपएसा संखेज्जगुणा ४, अचरिमंतपएसा संखेज्जगुणा ५, चरिमंतपसा य अचरिमंतपएसा य दोवि विसेसाहिया ६ । एवं वट्ट-तंस - चउरस- आयएस वि जोएअव्वं । - पण्ण० पद १० । सू २८ द्रव्य रूप में १ – सबसे कम संख्यातप्रदेश में स्थित असंख्यातप्रदेशी परिमंडल संस्थान के द्रव्य रूप से एक अचरमखण्ड है । २ – उससे चरमखण्ड संख्यातगुणे हैं । ३ – उससे अचरमखण्ड और चरमखण्ड दोनों मिलकर विशेषाधिक है । प्रदेश रूप में - १ - उससे संख्यात प्रदेश में स्थित असंख्यात प्रदेशी परिमंडल संस्थान के चरमान्त प्रदेश ( प्रदेश रूप से ) सबसे कम है । २—उससे ( प्रदेश रूप से ) अचरमान्त प्रदेश संख्यातगुणे हैं । ३ – उससे चरमान्त प्रदेश व अचरमान्त प्रदेश दोनों मिलकर विशेषाधिक है । प्रदेश- द्रव्य रूप में १ - सबसे कम संख्यातप्रदेश में स्थित असंख्यातप्रदेशी परिमंडल संस्थान के द्रव्य रूप से अचरमखण्ड है। उससे चरमखण्ड संख्यातगुणे हैं, उससे अचरमखण्ड और चरमखण्ड दोनों मिलकर विशेषाधिक है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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