SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 570
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पुद्गल-कोश द्विप्रदेशी आदि स्कंध सप्रदेशी होने के कारण परमाणु आदि सामग्री से जन्य हैं । ४७८ • २ स्कंध कार्य-कारण रूप है कार्यकारणरूपाः प्रदेशादयो यथा । द्विप्रदेशो द्वयोरण्वो कार्य व्यणुककारणम् ॥ - लोकप्र० सगं ११ । गा १० । पृ० ५४९ द्विप्रदेशी आदि जो स्कंध कहे गये हैं वे कार्य रूप भी हैं, कारण रूप भी हैं । यथा - द्विप्रदेशी स्कंध - दो परमाणुओं का कार्य हैं तथा तीन परमाणुओं के कारण भी है । -३ परिप्राप्तबंधपरिणामाः स्कंधा परमाणु पुद्गल वृद्ध होकर एकत्व रूप परिणमन करते हैं । रूप का नाम स्कंध है । स्कंध समवाची है । - तत्त्वराज० अ ५ । सू २५, २६ ४ एवपदेसो वि अणू णाणाखंधप्पदेसदो होदि । बहुदेसो उवयारा तेण य काओ भणति सव्वण्हु ॥ ५ स्कंध पुद्गलों की उत्पत्ति के कारण • १ भेदसंघातेभ्यः उत्पद्यन्ते । Jain Education International परमाणु पुद्गल एक प्रदेशी है, लेकिन परमाणु मिलकर बहुप्रदेशी स्कंध होता है । अत: परमाणु पुद्गल को उपचार से काय कहा है । इस एकीभाव - बृहद् ० अधि १ सू २६ - For Private & Personal Use Only २ संघातानां द्वितयनिमित्तवशाद्विदारणं भेदः । पृथग् भूतानामेकत्वापत्तिः संघातः x x x भेदात्संघाताद् भेदः संघाताभ्यां च उत्पद्यन्त इति । - सर्वसि० अ ५ । सू २६ -तत्त्व ० अ ५ । सू २६ www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy