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________________ पुद्गल-कोश जघन्य स्थितिवाले सात प्रदेशी स्कंध जघन्य स्थितिवाले सात प्रदेशी स्कंध से ; उत्कृष्ट स्थितिवाले सात प्रदेशी स्कंध उत्कृष्ट स्थितिवाले सात प्रदेशी स्कंध से ; अजधन्य-अनुत्कृष्ट स्थितिवाले सात प्रदेशी स्कंध अजघन्य-अनुत्कृष्ट स्थितिवाले सात प्रदेशी स्कध से अवगाहना रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है। यदि न्यून है तो एक प्रदेश न्यून है, दो प्रदेश न्यून है, तीन प्रदेश न्यून है, चार प्रदेश न्यून है, पाँच प्रदेश न्यून है अथवा छःप्रदेश न्यून है। यदि अधिक है तो एक प्रदेश अधिक है, दो प्रदेश अधिक है, तीन प्रदेश अधिक है, चार प्रदेश अधिक है, पाँच प्रदेश अधिक है अथवा छःप्रदेश अधिक है। जघन्य स्थितिवाले आठ प्रदेशी स्कंध जघन्य स्थिति वाले आठ प्रदेशी स्कंध से ; उत्कृष्ट स्थितिवाले आठ प्रदेशी स्कंध उत्कृष्ट स्थितिवाले आठ प्रदेशी स्कंध से; अजघन्य-अनुत्कृष्ट स्थितिवाले आठ प्रदेशी स्कंध अजघन्य-अनुत्कृष्ट स्थितिवाले आठ प्रदेशी स्कंध से अवगाहना रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है। यदि न्यून है तो एक प्रदेश न्यून है, दो प्रदेश न्यून है, तीन प्रदेश न्यून है, चार प्रदेश न्यून है, पाँच प्रदेश न्यून है, छःप्रदेश न्यून है अथवा सात प्रदेश न्यून है। यदि अधिक है तो एक प्रदेश अधिक है, दो प्रदेश अधिक है, तीन प्रदेश अधिक है, चार प्रदेश अधिक है, पाँच प्रदेश अधिक है, छःप्रदेश अधिक है अथवा सात प्रदेश अधिक है। जघन्य स्थितिवाले नवप्रदेशी स्कध जघन्य स्थितिवाले नवप्रदेशी स्कंध से; उत्कृष्ट स्थितिवाले नवप्रदेशी स्कंध उत्कृष्ट स्थितिवाले नवप्रदेशी स्कंध से ; अजघन्यअनुत्कृष्ट स्थितिवाले नवप्रदेशी स्कंध अजघन्य अनुत्कृष्ट स्थितिवाले नवप्रदेशी स्कंध से अवगाहना रूप से कदाचित् न्यून है। कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है। यदि न्यून है तो एक प्रदेश न्यून है, यावत् आठ प्रदेश न्यून है। यदि अधिक है तो एक प्रदेश अधिक है यावत् आठ प्रदेश अधिक है । जघन्य स्थितिवाले दस प्रदेशी स्कंध जघन्य स्थितिवाले दस प्रदेशी स्कंध से ; उत्कृष्ट स्थितिवाले दस प्रदेशी स्कंध उत्कृष्ट स्थितिवाले दस प्रदेशी स्कंध से; अजघन्य-अनुत्कृष्ट स्थितिवाले दस प्रदेशी स्कंध अजघन्य-अनुत्कृष्ट स्थितिवाले दस प्रदेशी स्कंध से अवगाहना रूप से कदाचित् न्यून है, कदाचित् तुल्य है, कदाचित् अधिक है। यदि न्यून है तो एक प्रदेश न्यून है यावत् नव प्रदेश न्यून है। यदि अधिक है तो एक प्रदेश अधिक है यावत् नव प्रदेश अधिक है। ५२.५.३ वर्ण-गंध-रस-स्पर्श को अपेक्षा स्कंध पुद्गल और पर्याय संख्या जहण्णगुणकालयाणं भंते ! दुपएसियाणं पुच्छा। गोयमा ! अणंता। से केण?णं ? गोयमा ! जहण्णगुणकालए दुपएसिए जहण्णगुणकालगस्स Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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