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________________ पुद्गल - कोश ३५९ परमाणुवर्गणा में जघन्य - उत्कृष्ट भेद नहीं है क्योंकि परमाणु निर्विकल्प भेद रहित है । शेष बाइस वर्गणाओं के जघन्य - उत्कृष्ट भेद है । उनमें से ग्राह्यवर्गणा, आहारवर्गणा, तैजसशरीरवर्गणा, भाषावगंणा, मनोवगंणा, कार्मणवर्गणा तथा महास्कंधवर्गणा है इनके उत्कृष्ट अपने-अपने जघन्य से विशेषाधिक है शेष सोलह वर्गणा के गुणित है । एक श्रेणि के रूप में तेइस वर्गणा का कथन है । नोट - पुद्गल द्रव्य में परमाणु और द्वयणुक आदि संख्यात, असंख्यात और अनंत परमाणुओं के स्कंधचलित होते हैं। अंतिम महास्कंध में प्रदेश चल-अचल है । ' - २ वर्गणा वग्गणरासीपमाणं सिद्धाणंति य पमाण मेत्तंपि । दुगसहियपरमभेदपमाणवहाराणसंवग्गो ॥ अर्थात् कार्मणवर्गणा राशि का प्रमाण सिद्धराशि के अनंतवें भाग है । गमन करते हुए दो परमाणुओं के परस्पर में अतिक्रमण करने में जितना काल लगता है उतना ही समय का प्रमाण है । व्यवहार, विकल्प, भेद तथा पर्याय ये सब एक अर्थ वाले हैं । द्रव्य प्रमाण से सब जीव अनंत है । इनसे पुद्गल परमाणु अनंत गुणे हैं | 3 पदार्थेषु • ३ मूर्तिमत्सु संसारिण्यपि पुद्गलाः । नोकर्म्म जातिभेदेषु वर्गणा ॥ — गोजी० गा ५९५ । टीका में उद्धृत अर्थात् पुद्गल शब्द मूर्तिमान् पदार्थों का और संसारी जीवों का वाचक है और वर्गणा शब्द अकर्मजाति के, कर्मजाति के और नोकर्मजाति के पुद्गलों को कहता है । ·४ वर्गणा - गोजी० गा ३९२ अकर्म कर्म इह समस्तलोकाकाशप्रदेषु ये केचन एकाकिनः परमाणवो विद्यन्ते तत्समुदायः सजातीयत्वाद् एका वर्गणाः, एवं द्विप्रदेशिकानामनन्तानामपि १. गोजी० गा ५९३ २. गोजी ० गा ५७३ गोजी ० ३. ० गा ५८८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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