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________________ पुद्गल-कोश ३०५ एगयओ तिन्नि संखेज्जपएसिया खधा भवंति; अहवा चत्तारि संखेज्जपएसिया खंधा भवंति,एवं एएणं कमेणं पंचगसंजोगोवि भाणियन्वो जाव नवगसंजोगो, दसहा कज्जमाणे एगयओ नव परमाणुपोग्गला एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ अट्ठ परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए० एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ, एवं एएणं कमेणं एक्केक्को पूरेयध्वो जाव अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे एगयओ नव संखेज्जपएसिया खंधा भवंति अहवा दस संखेज्जपएसिया खंधा भवंति, संखेज्जहा कज्जमाणे संखेज्जा परमाणुपोग्गला भवंति। -भग० श १२ । उ ४ । सू १० पृ. ६५८-५९ संख्यात परमाणु पुद्गल जब एकत्र होकर बंधन को प्राप्त होते हैं तब उनका एक संख्यात प्रदेशी स्कंध होता है और यदि इस संख्यात प्रदेशी स्कंध का भेदविभाग होता है तो उसके दो, तीन, चार, पाँच, छः, सात, आठ, नौ, दस अथवा संख्यात विभाग होते हैं । (१) यदि दो विभाग हों तो एक परमाणु पुद्गल का विभाग और एक संख्यात प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा। अथवा एक द्विप्रदेशी स्कंध का विभाग और एक संख्यात प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा। अथवा एक तीन प्रदेशी स्कंध का विभाग और एक संख्यात प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा। अथवा एक चतुष्प्रदेशी स्कंध का विभाग और एक संख्यात प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा। अथवा एक पाँच प्रदेशी स्कंध का विभाग और एक संख्यात प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा। अथवा एक छः प्रदेशी स्कंध का विभाग और एक संख्यात प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा। अथवा एक सात प्रदेशी स्कंध का विभाग और एक संख्यात प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा। अथवा एक आठ प्रदेशी स्कंध का विभाग और एक संख्यात प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा। अथवा एक नव प्रदेशी स्कंध का विभाग और एक संख्यात प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा। अथवा एक दस प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा और एक संख्यात प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा। अथवा संख्यात प्रदेशी स्कंधों के दो विभाग होंगे। (२) यदि तीन विभाग हों तो संख्यात प्रदेशी स्कंध का एक विभाग होगा और दूसरा-तीसरा एक-एक परमाणु पुद्गल का होगा। अथवा एक परमाणु पुद्गल का विभाग, दूसरा द्विप्रदेशी स्कंध का विभाग और तीसरा संख्यात प्रदेशी स्कंध का होगा। अथवा एक परमाणु पुद्गल का विभाग, दूसरा तीन प्रदेशी स्कंध का Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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