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________________ पुद्गल-कोश २९३ "५ छह परमाणु पुद्गलों का बंधन तथा भेदन छन्भंते ! परमाणपोग्गला० पुच्छा, गोयमा ! छप्पएसिए खंधे भवइ, से भिज्जमाणे दुहावि तिहावि जाव छविहावि कज्जइ, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुप्पएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खधे भवइ अहवा दो तिपएसिया खंधा भवन्ति, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ अहवा तिन्नि दुपएसिया खंधा भवन्ति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला एगयओ तिपएसिए खंधे भवन अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला भवंति एगयओ दो दुप्पएसिया खंधा भवंति, पंचहा कज्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, छहा कज्जमाणे छ परमाणुपोग्गला भवंति । -भग० श १२ । उ ४ । सू ५ । पृ० ६५४ छः परमाणु पुद्गल जब एकत्र होकर बंधन को प्राप्त होते हैं तब उनका एक छः प्रदेशी स्कंध होता है और यदि इस छः प्रदेशी स्कंध का भेद-विभाग होता है तो उसके दो, तीन, चार, पांच अथवा छः विभाग होते हैं। (१) यदि दो विभाग हों तो एक परमाणु पुद्गल का विभाग और दूसरा एक पंचप्रदेशी स्कंध का विभाग होगा अथवा एक द्विप्रदेशी स्कंध का विभाग और दूसरा चार प्रदेशी स्कंध का एक विभाग होगा। अथवा तीन प्रदेशी स्कंधों के दो विभाग होंगे। (२) यदि तीन विभाग हों तो चतुष्प्रदेशी स्कंध का एक विभाग होगा और दूसरा-तीसरा विभाग एक-एक परमाणु पुद्गल का होगा अथवा एक परमाणु पुद्गल का विभाग, दूसरा द्विप्रदेशी स्कंध का विभाग और तीसरा तीन प्रदेशी स्कंध का विभाग होगा अथवा द्विप्रदेशी स्कंधों के तीन विभाग होंगे। (३) यदि चार विभाग हों तो तीन प्रदेशी स्कंध का एक विभाग और दूसरातीसरा-चोथा विभाग एक-एक परमाणु पुद्गल का होगा अथवा पहला-दूसरा विभाग एक-एक परमाणु पुदगल का होगा और तीसरा-चौथा विभाग दो द्विप्रदेशी स्कंधों के होंगे। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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