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________________ २३८ पुद्गल-कोश ३-एक देश से सर्व का स्पर्श । ४-बहुत देशों से एक देश का स्पर्श । ५.-बहुत देशों से बहुत देशों का स्पर्श । ६-बहुत देशों से सर्व का स्पर्श । ७-सर्व से एक देश का स्पर्श । ८.-सर्व से बहुत देशों का स्पर्श । ९-सर्व से सर्व का स्पर्श । (१) परमाणु पुद्गल को स्पर्शना परमाणुपुद्गल परमाणुपुदगल को केवल नववें भंग से स्पर्श करता है अर्थात परमाणुपुद्गल परमाणुपुद्गल को स्पर्श करता हुआ सर्व से सर्व को स्पर्श करता है। परमाणुपुद्गल द्विप्रदेशीस्कंध को सातवें तथा नववें भंग से स्पर्श करता है अर्थात् परमाणुपुद्गल द्विप्रदेशीस्कंध को स्पर्श करता हुआ-सर्व से एक देश का स्पर्श करता है, ( सातवां भंग ) तथा सर्व से सर्व का स्पर्श करता है । ( नववां भंग) परमाणुपुद्गल तीन प्रदेशी स्कंध को स्पर्श करता हुमा अन्तिम के तीन विकल्प ( सातवां, आठवां, नववां ) से स्पर्श करता है। जिस प्रकार एक परमाणुपुद्गल द्वारा त्रिप्रदेशी स्कंध को स्पर्श करने को कहा है उसी प्रकार एक परमाणुपुद्गल द्वारा चतुःप्रदेशी स्कंध को, पंचप्रदेशी स्कंध को यावत् ( दस प्रदेशी स्कंध को यावत् संख्यातप्रदेशी स्कंध को यावत असंख्यातप्रदेशी स्कंध को) अनंतप्रदेशी स्कंध को स्पर्श करने का कहना चाहिए। (२) द्विप्रदेशादि स्कंध को स्पर्शना द्विप्रदेशी स्कंध परमाणुपुद्गल को तीसरे तथा नववे विकल्प से स्पर्श करता है। द्विप्रदेशी स्कंध द्विप्रदेशी स्कंध को पहले, तीसरे, सातवें तथा नववें विकल्प से स्पर्श करता है। द्विप्रदेशी स्कंध तीनप्रदेशी स्कंध को पहले, दूसरे, तीसरे, सातवें, आठवें तथा नववें विकल्प से स्पर्श करता है। परन्तु मध्य के तीन विकल्प (पांचवां, छठ्ठा, सातवां विकल्प) से स्पर्श नहीं करता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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