SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 214
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १२२ पुद्गल-कोश स्कंध, असंख्यात प्रादेशिक स्कंध, अनंतप्रादेशिक स्कंध हैं-ये सर्व आनुपूर्वी में सम्मिलित हैं। परमाणुपुद्गल अनानुपूर्वी द्रव्य है। द्विप्रदेशी स्कंध अवक्तव्य है ( इस प्रकार एकवचन की अपेक्षा तीन भंग-विकल्प होते हैं । ) बहुवचन की अपेक्षा-तीन प्रदेशी स्कंध यावत् अनंतप्रदेशी स्कंध- आनुपूर्वी द्रव्य हैं । परमाणुपुद्गल अनानुपूर्वी द्रव्य है तथा द्विप्रदेशी स्कंध अवक्तव्य है।। (ग) से कि गमववहाराणं भंगोवदंसणया? गमववहाराणं भंगोवदसणया? तिपदेसिए आणुपुण्वी १ परमाणुपोग्गले अणाणुपुष्वी २ दुपदेसिए अवतव्वए ३ तिपदेसिया आणुपुवीओ ४ परमाणुपोग्गला अणाणुपुव्वीओ ५ दुपदेसिया अवत्तव्वयाई ६।-अहवा तिपदेसिए य परमाणुपोग्गले य आणुपुव्वी य अणाणुपुत्वी य १ अहवा तिपदेसिए य परमाणुपोग्गला य आणुपुव्वी य अणाणुपुवीओ य २ अहवा तिपदेसिया य परमाणुपोग्गले य आणुपुव्वीओ य अणाणुपुव्वी य ३ अहवा तिपदेसिया य परमाणुपोगला य आणुपुत्वीओ य अणाणुपुन्बीओ य ४, अहवा तिपदेसिए य दुपदेसिए य माणुपुन्वी य अवत्तव्वए य १ अहवा तिपदेसिए य दुपदेसिया य आणुपुत्वी य अवत्तव्वयाइ य २ अहवा तिपदेसिया य दुपदेसिए य आणुपुटवीओ य अवत्तव्वए य ३ अहवा तिपदेसिया य दुपदेसिया य आणुपुत्वीओ य अवत्तन्वयाइय ४, अहवा परमाणुपोग्गले य दुपदेसिए य अणाणुपुवी य अवत्तम्वए य १ अहवा परमाणुपोग्गले य दुपदेसिया य अणाणुपुटवी य अवत्तव्वयाईय २ अहवा परमाणुपोग्गला य दुपदेसिए य अणाणुपुवीओ य अवत्तव्वए य ३ अहवा परमाणुपोग्गला य दुपदेसिया य अणाणुपुवीओ अवत्तव्वयाई य ४। अहवा तिपदेसिए य परमाणुपोग्गले य दुपदेसिए य आणुपुत्वी य अणाणुपुत्वी य अवत्तव्वए य १ अहवा तिपदेसिए य परमाणुपोग्गले य दुपदेसिया य आणुपुन्वी य अणाणुपुत्वीय अवत्तव्ययाइय २ अहवा तिपदेसिए य परमाणुपोग्गना य दुपदेसिए य आणुपुव्वी य अणाणुपुचीओ य अवत्तव्वए य ३ अहवातिपदेसिए य परमाणुपोग्गला य दुपदेसिया य आणुपुत्वी य अणाणुपुग्वीओ य अवत्तव्वयाइय ४ अहवा तिपदेसिया य परमाणुपोग्गले य दुपदेसिए य आणुपुब्बीओ य अणाणुपुत्वी य अवत्तव्यए य ५ अहवा तिपदेसिया य परमाणुपोग्गले य दुपदेसिया य आणुपुधीओ य अणाणुपुग्यो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016030
Book TitlePudgal kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1999
Total Pages790
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy