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________________ ( 53 ) अध्यात्म भावानां ध्यान, समता वृत्तिसंक्षयः। मोक्षेण योजनाद् योग, एव श्रेष्ठो यथोत्तरम् ।। ३१ ॥ अर्थात अध्यात्म, भावना, ध्यान, समता और वृत्तिसंक्षय-ये योग के भेद है। ये साधक को मोक्ष के साथ योजित करते हैं जोड़ते हैं। अतएव इन्हें योग कहा जाता है। ये क्रमशः उत्तरोत्तर एक-दूसरे से उत्तम है । एक अन्य अपेक्षा से तात्त्विक, अतात्त्विक, सानुबंध, अचर-निरनुबंध, आस्रव और निरास्रव योग के भेद है।' स्राव वह योग है, जो आस्रव-श्रोत या प्रवाह से युक्त है। यहाँ आचार्य द्वारा अभिव्यक्त आश्रव योग में अशुभ योगास्रव का प्रवर्तन नहीं रहता लेकिन शुभ योगास्त्रव का रहता है। शुभ कर्म पुद्गल आत्म-संश्लिष्ट होते रहते हैं। निरास्रव योग में आस्रव का प्रवर्तन नहीं होता है। अस्तु आचार्य ने स्राश्रव योग से 'दीर्घसंसार' व निरास्रव योग को दीर्घ संसार नहीं कहा है। कहा है :- ध्यानं विषये तस्मिन्नेकप्रत्ययसंतति, ध्येय में एकाग्रता का हो जाना ध्यान है । ध्यान से मनोयोग को साधा जा सकता है। Timi हलन-चलन की प्रवृत्ति को काययोग कहते हैं। शरीर को प्रवृत्त करने वाली शक्ति का नाम-कायबल है । यह अंतराय कम के क्षय-क्षयोपशम से प्राप्त होता है । आस्रव का एक भेद योग आस्रव है। मन, वचन और काय की प्रवृत्ति को योग आस्रव कहते हैं। इसके दो भेद है-शुभयोग आस्रव और अशुभ योग आस्रव । शुभयोग से निजरा होती है। उस अपेक्षा से शुभ योग आस्रव नहीं, किन्तु वह शुभ कर्म के बंध का कारण भी है । अतः वह शुभ योग आस्त्रव भी है । षट् खंडागम में अप्रमत्त गुणस्थान से क्षीण कषाय गुणस्थान में नौ योग का उल्लेख किया है--चार मन के योग, चार वचन के योग तथा एक औदारिक काययोग। ( यह दिगम्वर मान्यता है ) श्वेताम्बर मतानुसार इन गुणस्थान में पाँच योग मिलते है--सत्यमन योग, व्यवहार मनोयोग, सत्यवचन योग, व्यवहार वचन योग तथा औदारिक काय योग । तत्व केवली गम्य है। जीवाश्रित पारिणामिक भाव के दस भेदों में योग का भी उल्लेख है (१) गति, (२) इन्द्रिय (३) कषाय, (४) लेश्या, (५) योग, (६) उपयोग, (७) शान, (८) दर्शन, (६) चारित्र, और (१०) वेद ।। १. योग विन्दु ३२ से ३४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016028
Book TitleYoga kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1993
Total Pages428
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size20 MB
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