SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 51
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( 50 ) अतिशानी में-१५ योग अवधिज्ञानी में-१५ योग मनःपर्यवशानी में-१४ योग ( कार्मण काययोग को बाद देकर ) केवलज्ञानी में-७ योग ( अनेन्द्रिय की तरह) अशानी में-१३ योग ( आहारक, आहारकमिश्र काययोग बाद देकर ) श्रतिअज्ञानी में-१३ योग । विभंगअज्ञानी में-१३ योग चक्षदर्शनी में-१४ योग ( कार्मण काययोग बाद देकर ) अचक्षदर्शनी में-१५ योग अवधिदर्शनी में-१५ योग केवलदर्शनी में-७ योग ( अनेन्द्रिय की तरह) संयती में-१५ योग । सागारोवउत्ता में-१५ योग अणागारोवउत्ता में-१५ योग आहारिक में-१४ योग (कामण काययोग बाद देकर) अणाहारिक में-१ योग कार्मण काययोग भाषक में-१४ योग ( कामण काययोग बाद देकर ) अभाषक में-५ योग ( औदारिक, औदारिकमिश्र, वैक्रिय, वैक्रियमिश्र व कामण काययोग) परित में-१५ योग अपरित में-१३ योग (आहार, आहारकमिश्र काय योग बाद) पर्याप्त में-१५ योग अपर्याप्त में-५ योग-अभाषक की तरह ) सूक्ष्म में-३ योग ( औदारिक, औदारिकमिश्र व कार्मण काययोग) बादर में-१५ योग संज्ञी में-१५ योग असंज्ञी में-६ योग (औदारिक, औदारिकमिश्र काययोग, वैक्रिय, वैक्रिययिश्र काय, व्यवहार वचनव कार्मण काययोग ) भवि में-१५ योग चरम में-१५ योग अभवि में-१३ योग ( अहारक व आहारकमिश्र काययोग छोड़कर ) सिद्ध में-योग नहीं है सइन्द्रिय में-१५ योग एकेन्द्रिय में-५ योग ( औदारिक, औदारिकमिश्र, वैक्रिय, वैक्रियमिश्र तथा कार्मण काययोग) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016028
Book TitleYoga kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1993
Total Pages428
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy