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________________ • २ सयोगी जीब और स्थिति भंते! x x x जहणेण एक्कं समयं उक्कोसेण अंतोमुडुतं, एवं वइजोगीवि, कायजोगी x x x जहण्णेण अंतोमुहुत्तं उक्कोसेण षणस्पतिकालो, अजोगी सातीए अपजवसिए । - जीवा० प्रति ६ । ११४ से ११६ | पृ० ५०२ टीका -- कायस्थितिसिम्तायां मनोयोगी जघन्यत एकं समयं, विशिष्टमनोयोग्य पुद्गलग्रहणापेक्षमेतत्सूत्रं, ततो द्वितीये समये मरणेनोपरमतो भाषकवदेकसमयता प्रतिपत्तव्या, उत्कर्षतोऽन्तर्मुहूर्त्त तथा च जीवस्वभावतया नियमत उपरमात् भाषकवत्, मनोयोगरहितबाग्योगबानेष बाग्योगी द्वीन्द्रि यादिः, जघन्यत एक समयमुत्कर्षतोऽन्तर्मुहूर्त्त एतदपि सूत्रं विशिष्टवागद्रव्यग्रहणापेक्षमव सातव्यं, काययोगी वाग्योगमनोयोगविकल एकेन्द्रियादिः, जघन्यतोऽन्तर्मुहूर्त्त द्वीन्द्रियादिभ्य उद्धृत्य पृथिव्यादिष्वन्तर्मुहूर्त्त स्थित्वा भूयः कस्यापि द्वौन्द्रियादिषु गमनात, उत्कर्षतः प्रागुक्तस्वरूपो वनस्पतिकालः; अयोगी सिद्धः, स च साद्यपर्यवसितः । 9 ( २६० ) मनोयोगी की स्थिति जघन्य एक समय की, उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त की होती है । इसी प्रकार वचनयोगी की स्थिति जघन्य एक समय की, उत्कृष्ट अन्तर्महूर्त की की होती है । " काययोगी की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहुर्त, उत्कृष्ट वनस्पतिकाल प्रमाण अनन्त काल की होती है । मनोयोगी जघन्य एक समय विशिष्ठ मनोयोग पुद्गल द्रव्य ग्रहण करता है । मनोयोगी मनोयोगी रूप के कम से कम एक समय तक रहता है और अधिक से अधिक अन्तर्मुहूर्त तक रहता है। इसके बाद वह भाषक की तरह नियमतः उस योग से उपरित हो जाता है । इसी तरह से वचनयोगी वचनयोगी रूप से कम से कम एक समय तर्क और अधिक से अधिक एक अन्तर्मुहूर्त तक बना रहता है । बाद में वह भी उस योग से उपरित हो जाता है । वाग्योग द्वीन्द्रियादि के होता है । काययोग एकेन्द्रियादि को होता है । १३ सयोगी की स्थिति काययोगी का जो कायस्थिति काल जघन्य से एक अन्तर्मुहूर्त बतलाया गया है। वह काययोगी एकेन्द्रियादि जीव द्वीन्द्रियादि से उद्दवर्तना करके पृथ्वी आदि में एक अन्तमुहूर्तं रहकर पुनः द्वीन्द्रियादि में चला जाता है इस अपेक्षा से कहा गया है । Jain Education International एवं सजोगी चेव अजोगी चेव ( सजोगी दुविहे पन्नत्ते, अणादीए पा For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016028
Book TitleYoga kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1993
Total Pages428
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size20 MB
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