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________________ ( २३६ धूम प्रभा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जो जीव है (देखो *६६३१ ) उनके तीनों योग होते हैं । - भग० श २४ । उ १ । सू ७४-७५ '६६५२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी मनुष्य से धूम प्रभा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जो जीव है (देखो ६६३२) उनमें तीनों योग होते है । -भग० श २४ । उ १ । सू १०१-१०४ '६'६ तमप्रभा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में '६६'६'१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी तिर्यच पंखेन्द्रिय योनि से तमप्रभा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य को जीव है (देखो ६६ ३१ ) उनमें तीन योग होते हैं । -भग० श २४ । १ । सू ७४-७५ '६६'६'२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी मनुष्य से तमप्रभा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जो जीव है । उनमें तीनों योग होते है । (देखो ६६०३२) -भग० श २४ । उ १। सू १०१-१०४ '९६७ तमतमा प्रभा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :९६७१ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी तियंच पंचेन्द्रिय योनि से तमतमा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जो जीव हैं ( पजत्तसंखेजवा साउयं जे भविए असत्तमाए पुढबीए जीवा एवं जहेब रयणप्पभाएणव उनमें तीन योग होते है । जाब- तिरिषख जोणिए णं भंते! नेरइपसु उववजित्तए । तेणं भंते ! गमगा लद्धी व सच्चेष । x x x ) -भग० श २४ । उ १ । सू ७६-८६ ·९६'७·२ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी मनुष्य से तमतमा पृथ्वी के नारकी में उत्पन्न होने योग्य जो जीव है ( पजत्तसंखेजवासाज्यसन्निमणुस्से णं भंते! जे भषिए अहेसत्तभाए पुढवि नेरइएसु उबवजित्तए × × × ते भंते! जीवा X X x अवसेसो सोचेघसक्करप्पभापुढविगमओ वो xxx ) उनमें तीनों योग होते हैं । ९६८ असुरकुमार देवों में उत्पन्न होने योग्य अन्य गति के जीवों में :'९६'८'१ पर्याप्त असंज्ञी पंचेन्द्रिय तियंच योनि से असुर कुमार देवों में उत्पन्न होने योग्य Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016028
Book TitleYoga kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1993
Total Pages428
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size20 MB
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