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________________ (सुत्तंकसहिओ) ७८ निरामय निरामया रोगरहित, नीरोगी निरावयव [निरावयव अवयव रहित सम. ११० महानि. ११७ निरामिस [निरामिषामासक्तिहीन, विषय३५- | निरावरण [निरावरण] भाव२९॥ रहित, प्रतिvi આમિષથી રહિત ચહિત उत्त. ४८२,४८७.४९०ः आया. ५०९,५३५; सूय. ६७०ः निरायार [निराकार] भो 'निरागार' ठा. ४४५,४४९,५८२.९६१; __ महानि. ४८३: नाया. १०८; अंत. १३; निरायास [निरायास) परिश्रम सहित उव. ५०,५१ राय.८४: __ पण्हा. ३९; जंबू. ४४,४५,१२५: निरारंभ [निराम्भारंभ रहित दसा. ५३,११२; उत्त. ११८५; चउ. ३९; अनुओ. १६१; निरालंब [निरालम्बा माहित निरास [निराश आ॥२हित, निराश पण्हा. ४५; पण्हा. १६: निरालंबण [निरालम्बन] मापन टेक्षित, I निरासय [निराशक] भारहित वो આલોક-પરલોકની આશંસારહિત, અનુમાન दस. ४७४; રહિત निरासव [निरास्त्रव] माथवरहित आया. ५५२: सूय. ६७० सूय. ५२० पण्हा. ३८; नाया.६५.११० उव. १७: उत्त. ७६४,११९४ः राय. ८४; जंबू. ४४: निरासस /निराशंसाशंसारित उत्त. ११४६: आया. ५४९ निरालंबणता [निरालम्बनता] संबन ति५j निरिंधण [निरिन्धन] ५५ रहित ठा. २०० दसा. ३०, निरालंबणया निरालम्बनता]मो ७५२' निरिंधणया निरिन्धनता] १९२स्तिता आया. १८० भग. ३३३; निरालय [निरालयास्थान रहित, एनी ४३२ निरिक्ख [निर् + ईक्ष] अवलोन ४२y, dj, વિનાનો નિરીક્ષણ કરવું उव. १७; राय. ८४: नाया. ८६: अंत. १३: जंबू. ४४: ओह. ४४३; निरालोग [निरालोक] शरहित निरिक्खण [निरीक्षण भवन भग. ३५९; ओह. २१: निरालोय [निरालोक] प्रशस्ति निरिक्खमाण [निरीक्षमाण] अवलोऽतो, होतो, जंबू. ४९; निर. ७.१८; नाया. ८७: निरावकंखि [निरवकालिन] Ristal २हित, | निरिक्खित्ता निरीक्ष्य] होईन, निरीक्षए। शने નિસ્પૃહ ___ अंत. १३: सूय. ४९६: निरिणत्त [निर्ऋणत्व] एभुतता निरावयक्ख [निरपेक्ष] अपेक्षा रहित दसा. १४: नाया. ३१,३२,१३६; निरिह [निरिह] निष्ठाम, नि:स्पृक्ष अंत. १३: भत्त. १४८: || महानि. ६८१: Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016026
Book TitleAgamsaddakoso Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgamdip Prakashan
Publication Year2001
Total Pages546
LanguagePrakrit, Sanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size9 MB
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