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________________ (सुत्तंकसहिओ) ૫O૭ તેવું दुत्तितिक्ख [दुस्तितिक्ष] मुश्दीथी सहन थाय || जीवा. १८५; पत्र. ३७८; पुष्फि. ८; भत्त. ४१; आया. २७३; पिंड. १३१; उत्त. ५५३; दुत्तोसय [दुष्तोषक] मुश्दीथी प्रसन्न-तुष्ट थाय | दुद्धजाति [दुग्धजाति] ९धनी गति તેવા जीवा. १८५; दस. २०७; दुद्धर [दुर्धर] हु:धरी राणी शायते दुट्टि [दुर्दष्ट] ६:५६शनवाणो ठा. ५६१; सम, २२२,३२७; आया. १४६; पण्हा. १९; दसा. ११; दुईत [दुर्दान्तनुं भुश्दीथा मन य || दुद्धरिस [दुर्धर्ष) पासेन ४६ यते,हुईय नाया. ६३,१६९; अंत, ३; सूय. ६७०; नाया. ६५; वण्हि . ३; भत्त. १५०; पण्हा. ४२; उव. १७; उत्त. १०६५,१२७१,१२८४,१२९७,१३१०, राय, ८४; नंदी. ९; १३२३,१३३६; दुद्धिय [दुग्धिक] हुघ-संधि दुइंतत्तण [दुर्दान्तत्व] 'न्ति' पy विवा. १०; नाया. १८८,१९०,१९२,१९४,१९६; दुद्धोयतराय [दुधौतरक] ६४२७२ होवानी दुईसण [दुर्दर्शन] नो पाव ५२राब होय પ્રક્રિયા તેવો, ખરાબ રૂપવાળો अंत. १३; अनओ. २२५, दुधा [द्विधा द्विधा मा ४२j न २ तेवी दुईसणिज्ज [दुर्दर्शनीय] हु रीनेशाय | મનોદશા તેવો દેખાવ सूर. १५१; चंद. १५५; जंबू. ४९; दुनिसीहिया [दुर्निषीधिका] दु:५३५ स्वाध्यायदुईसणिज्जाव [दुर्दर्शनीयरूप] - २५ हो | ભૂમિ કે વસતિ શકાય તેવું ન હોય તે पण्हा. ४५, भग. ३६०; | दुनाम [दुर्नामन्/दृष्टस्वभाववाणुनाम, अपयश दुद्दम [दुर्दम] मुं६:५थी मन थाय ते. भग. ५४२; तंदु. १४३; उत्त. १५; दुन्नामधेज [दुर्नामधेय अपयशमा दुट्टि [दुर्दष्ट] हुमो 'दुदिट्ठ' दस. ५१९; पण्हा. ११,३६, गणि. ७२; | दुनिक्कम [दुर्निष्क्रम] यां मुसीथी नीजी दुद्दिण [दुर्दिनवाहणछाया सूर्यने सीधे धारा શકાય તે જેવું લાગે તે जंबू. ४९; पिंड. ५०; दुन्निक्खंत [दुर्निष्क्रान्त] सो ७५२' दुद्ध [दुग्ध] दूध आया. २०४; नाया. ४६,२१०; अंत. १३; दुनिक्खित्त [दुनिक्षिप्त हुयारी, यी ३४ पहा. ४५; विवा. ३१; શકાય તેવું Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016025
Book TitleAgamsaddakoso Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgamdip Prakashan
Publication Year2001
Total Pages562
LanguagePrakrit, Sanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size9 MB
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