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________________ सारय-सालग सारय देखो सार-य । शारि । सारया स्त्री [शारदा] सरस्वती देवी | वि [शारीर ] शरीर का, शरीरसम्बन्धी । वि [शारीरिक ] । सारव देखो सार = सारय् । सारव सक [ समा + रच ] साफ करना, दुरुस्त करना । पुं [सारूपिन्, 'क] जैन साधुसारूविअ के समान वेष को धारण करनेवाला रजोहरण- वर्जित स्त्री-रहित गृहस्थ, साधु और गृहस्थ के बीच की अवस्थावाला जैन पुरुष । सारव सक [समा + रभ् ] शुरूआत करना । सारवण न [समारचन ] सम्मार्जन | सारस पुं. पक्षि-विशेष । छन्द - विशेष । सारसी स्त्री. षड्ज ग्राम की एक मूर्छना । मादा सारसपक्षी । छन्द - विशेष । सारस्सय पुं [सारस्वत] लोकान्तिक देवों की सारोहि वि [संरोहिन् ] संरोहण कर्ता । एक जाति । सारूविअ न [ सारूप्य ] समान रूपता । सारेच्छ देखो सारिच्छ = सादृक्ष्य । संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष सारह न [सारघ] मधु, शहद सारहि पुं [सारथि] रथ हाँकनेवाला । साराडि पुत्री [] शरारि पक्षी । साराय अक [ साराय् ] सार रूप होना । साराव सक [ सारय् ] चिपकवाना, लगवाना, सील कराना । सारि स्त्री [शारि] मैना । पासा खेलने का रंग-बिरंगा साँचा | युद्ध के लिए गजपर्याण | सारि देखो सारी (दे) 1 सारिअ वि[सारिक] सारवाला । सारिअ वि[सारित] चिपकाया हुआ, सील किया हुआ । सारिआ सारिआ स्त्री [सारिका ] मैना, पक्षि} विशेष | सारिक्ख न [सादृक्ष्य ] समानता, सरीखाई । वि [सदृक्ष ] समान, सरीखा । सारिक्ख } सारिच्छ देखो सारिक्ख = सादृक्ष्य । सारिच्छिआ स्त्री [] दूर्वा, दूब । सारिस देखो सरिस - सदृश । सारिस सारिस्स सारी स्त्री [दे] ऋषि का आसन । मिट्टी । न [सादृश्य ] समानता, सरीखाई । Jain Education International सारी स्त्री [शारी] देखो सारि = सारीर सारीरिय सारूवि ८३७ साल पुं [शाल ] ज्योतिष्क महाग्रह - विशेष । साखू का पेड़ | वृक्ष | किला, प्राकार । एक राजा । पक्षि-विशेष । पुंन. एक देव विमान । "कोट्ट्य न [ कोष्ठक ] चैत्य-विशेष | वाण, हण [ वाहन ] एक सुप्रसिद्ध राजा । साल देखो सार = सार | 'इय वि [°चित] सार-युक्त । साल न [शाला ] घर । साल पुं [श्याल] साला, बहू का भाई । साल पुं. देखो साला = (दे) । 'मंत वि [°वत्] शाखावाला । साल° देखो साला = शाला । °गिह, 'घर न [गृह] भित्ति-रहित या बरामदावाला घर । सालइय देखो सारइय = शारदिक । सालंकायण न [शालङ्कायन] कौशिक की एक शाखा - गोत्र । पुंस्त्री. उस गोत्रवाला | सालंकी स्त्री [दे] सारिका, मैना । सालंगणी स्त्री [दे] सोढ़ो, निःश्रेणी । सालंब वि [सालम्ब] अवलम्बन युक्त | सालकल्लाण पुं [शालकल्याण ] वृक्ष - विशेष । देखो सारकल्लाण । सालक्कि स्त्री [दे] सारिका, मैना । सालग न [दे] वृक्ष को बाहरी छाल । लम्बी For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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