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________________ ७७५ वेसवार-वोक्कत संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष वेसवार पुं. धनिया आदि मसाला । वेह सक [प्र+ ईक्ष] देखना । वेसा देखो वेस्सा। वेह सक [व्यध्] बींधना,छेदना । वेसाणिय पुं [वैषाणिक] एक अन्तर्वीप। वेह पं [वेध] वेधन, छेद । अनुबोध, अनुगम, अन्तर्वीप-विशेष में रहनेवाली मनुष्य- मिश्रण । धुत-विशेष । अनुशय, अत्यन्त द्वेष । जाति । वेह पुं [वेधस्] विधि, विधाता। वेसानर देखो वइसानर । वेहम्म देखो वइधम्म। वेसायण देखो वेसियायण । वेहल्ल पुं [विहल्ल] श्रेणिक का एक पुत्र । वेसालिअ वि [वैशालिक] समुद्र में उत्पन्न । | वेहव सक [वश्च] ठगना । विशालाख्य जाति में उत्पन्न । विशाल । पुं. वेहव न [वैभव] विभूति, ऐश्वर्य । भ० ऋषभदेव । भ० महावीर । वेहविअ पुं [दे] अनादर । वि क्रोधी । वेसाली स्त्री [वैशाली] एक नगरी । वेहविअ वि वञ्चित] प्रतारित । वेसास देखो वीसास। वेहव्व न [वैधव्य विधवापन । वेसासिअ वि [वैश्वासिक, विश्वास्य] विश्व- वेहाणस देखो वेहायस । सनीय, विश्वास-पात्र। वेहाणसिय वि (बैहायसिक फाँसी आदि से वेसाह देखो वइसाह। लटक कर मरनेवाला। वेसाही स्त्री वैिशाखी] वैशाख मास की वहायस वि [वहायस] आकाश में होनेवाला। पूर्णिमा या अमावस । फांसी लगा कर मरना । पुं राजा श्रेणिक वेसि वि [द्वेषिन्] द्वेष करनेवाला। का एक पुत्र । वेसिअ देखा वइसिअ । वेहारिय वि [_हारिक] विहार-सम्बन्धी । वेसिअ पुंस्त्री [वैशिक] वैश्य । न जनेतर | वेहाल न [विहायस्] आकाश । अन्तराल । वेहाल देखो वेहायप। शास्त्र-विशेष, काम शास्त्र । वेसिअ वि [वैषिक वेष सम्बन्धी । वहिम वि (वैधिक, वैध्य] तोड़ने-योग्य, दो वेसिअ वि [व्येषित] विशेष रूप या विविध | टुकड़े करने योग्य । वैउंठ देखो वेकंठ। प्रकार से अभिलषित । वेसिटु देखो वइसिट्ट। वैभव देखो वेहव : वोअस देखो वोक्कस। वेसिणी स्त्री [दे] वेश्या, गणिका । वेसिया देखो वेस्सा । वोइय वि [व्यपेत वजित, रहित । वैसियायण पुं वैश्यायन] एक बाल तापस । वोट देखो विंट = वृन्त । वेसी स्त्री [वैश्या] वैश्य जाति की स्त्री। वोकिल्ल वि [दे] गृह-शूर । झूठा-शूर । वेसुम पुं [वेश्मन् ] गृह । वोविल्लिअ न [दे] चबी हुई चीज को पुनः वेस्स देखो वइस्स = वैश्य । चबाना। वेस्स देखो वेस = द्वेष्य । वोक्क सक [वि +ज्ञपय] विज्ञप्ति करना । वेस्स देखो वेस - वेष्य । वोक्क सक [व्या + हृ, उद् + नद्] पुकारना, वेस्सा स्त्री [वेश्या] गणिका । ओषधि-विशेष, | आह्वान करना। पाढ़ का गाछ । वोक्क सक [उद् + नट्] अभिनय करना । वेस्सासिअ देखो वेसासि। वोक्कंत वि [व्युत्क्रान्त] विपरीत क्रम से Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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