SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 775
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ७५६ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष विलेवण-विवणीय विलेवण न [विलेपन शरीर पर लगाने का विल्ह वि [दे] सफेद । चन्दन, कुंकुम आदि पिष्ट द्रव्य । लेपन- विव देखो इव । क्रिया। । विवइ स्त्री [विपद्] विपत्ति, दुःख । °गर वि विलेविअ वि [विलेपित] विलेपन-युक्त। [°कर] दुःख-जनक। विलेविआ स्त्री [विलेपिका] पान-विशेष । विवइ स्त्री [विवृति] व्याख्या, विवरण, विलेहिअ वि [विलेखित] चित्रित, कृत। . टीका । विस्तार । विलोअ सक [वि + लोक देखना। निरीक्षण विवइण्ण वि [विप्रकीर्ण] बिखरा हुआ। करना। विवंक वि [विवक्र विशेष बाँका । विलोअ ' [विलोक] आलोक, प्रकाश । विवंचिआ स्त्री [विपश्चिका] वीणा । विलोअ देखो विलोव। विवक्क वि [विपक्व] अच्छी तरह पूर्ण किया विलोअण पुंन [विलोचन] आँख । हुआ । प्रकर्ष को प्राप्त, अत्यन्त पका हुआ। विलोट्ट अक [ विसं + वद् ] अप्रमाणित उदय में आगत, पलाभिमुख । होना । उलटा होना। विवक्ख पुं विपक्ष] दुश्मन । न्याय-शास्त्रविलोट्ट । वि [विसंवदित] जो झूठा । प्रसिद्ध विरुद्ध पक्ष, वह वस्तु जहाँ साध्य आदि विलोट्टिअ J साबित हुआ हो । प्रतिज्ञा- का अभाव हो । विपरीत धर्म । विसदृशता । च्युत । विरुद्ध बना हुआ। विवक्खा स्त्री [विवक्षा] कहने की इच्छा । विलोड सक [वि + लोड्य] मंथन करना। विवग्घ वि [विव्याघ्र] व्याघ्र-चर्म-युक्त । विलोभ सक [वि + लोभय] लुब्ध करना। विवच्चास पुं [विपर्यास] विपरीतता । लालच देना । विस्मय उपजाना । विवच्छा स्त्री [विवत्सा] एक महानदी । वत्सविलोल देखो विलोड। रहित स्त्री। विलोल अक [वि+लुठ ] लेटना । विवज्ज अक [वि+ पद्] मरना, नष्ट होना। विलोल वि. अस्थिर । विवज्ज सक [वि + वर्जय] परित्याग विलोव पुं [विलोप] लूट, डकैती । करना । विलोवय वि [विलोपक] लूटनेवाला । विवज्ज वि [विवर्ज] रहित । परित्याग, विलोह देखा विलोभ । परिहार। विल्ल अक [वेल्ल्] चलना, हिलना । विवज्जग वि [विवर्जक] वर्जन करनेवाला । विल्ल देखो बिल्ल। विवज्जत्थ वि [विपर्यस्त] विपरीत । विल्ल वि [दे] स्वच्छ । विलसित । पन. विवज्जय पुं[विपर्यय] विपर्यास, वैपरीत्य । सुगंधी द्रव्य-विशेष, जो धूप के काम में विवज्जास पुं [विपर्यास] विपर्यय, व्यत्यय । आता है। भ्रम, मिथ्याज्ञान । विल्लय देखो चिल्लअ । विवट्ट अक [ वि + वृत् ] बरतना, रहना । विल्लय देखो वेल्लग। विवडिय वि [विपतित] गिरा हुआ। विल्लरी स्त्री [दे] बाल । विवड्ढ अक [वि + वृध्] बढ़ना । विल्लल देखो बिल्लल । विवड्ढि स्त्री [विवृद्धि] बढ़ाव । विल्लहल देखो वेल्लहल। । विवणि पुंस्त्री [विपणि] बाजार । दूकान । विल्ली स्त्री [विल्वी] गुच्छ-वनस्पति-विशेष । विवणीय वि [व्यपनीत] दूर किया हुआ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy