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________________ ६२८ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष भासीकय भिच्छंड युक्त भिंद सक [भिद्] तोड़ना । विभाग करना । भासीक वि[भस्मीकृत ] जलाकर राख किया भिदिवाल (शो) देखो भिडिवाल । हुआ । भिंभल देखो भिब्भल । भासुंड अक [दे] बाहर निकलना । भिभसार पुं [भिम्भसार ] देखो भंभसार । भिंभा स्त्री [भिम्भा ] देखो भंभा । भिभिसार पुं [भिम्भिसार] देखो भंभसार । भभी स्त्री [भिम्भी] वाद्य -विशेष, ढक्का । भिक्ख as [भिक्षू ] भीख माँगना । भिक्खन [भैक्ष] भीख । भिक्षा - पमूह | 'जीवि वि [ 'जीविक] भिखमंगा । भिक्ख देखो भिक्खा | भासुर वि. भास्वर, चमकता । घोर । भीषण | एक देव- विमान | छन्द - विशेष | भि देखो भ । भिअप्पइ भिअप्फइ भिअस्सइ } देखो बहस्सइ । भिइ देखो भइ = भृति | भिउ पुं [भृगु] ऋषि-विशेष | पर्वत - सानु | शुक्र ग्रह | महादेव | जमदग्नि । प्रदेश | भृगु का वंशज । रेखा, राजि । कच्छ न. भड़ौच नगर । ऊंचा भिउड न [दे] शरीर का एक अंग । भिउडि स्त्री [भृकुटि] भौं-भंग । पुं. भिउडी भगवान् नेमिनाथ का शासनदेव | भिउर वि [भिदुर] विनश्वर । भिउव्व पुं [ भार्गव ] भृगु मुनि का वंशज, परि व्राजक - विशेष | भिंग व [] काला । नील, हरा । स्वीकृत | भिंग पुं [भृङ्ग] भ्रमर | पक्षि-विशेष । कीटविशेष | अंगार, कोयला । कल्पवृक्ष की एक जाति । छन्द- विशेष । उपपति । भाँगरा का पेड़ । झारी । °णिभा स्त्री [°निभा] ● पभा स्त्री [ 'प्रभा ] पुष्करिणी-विशेष | भिंगा स्त्री [भृङ्गा] एक पुष्करिणी । भिंगारी स्त्री [ दे. भृङ्गारी ] कीट - विशेष, चिरी, झिल्ली । मशक, डाँस । भिजा स्त्री [] मालिश । भिटिया स्त्री [दे. वृन्ताकी ] भंग का गाछ । भिडिमाल पुं [ भिन्दिपाल ] शस्त्र भिडवाल विशेष | Jain Education International भिक्खा स्त्री [भिक्षा ] भीख, याचना । यर वि [चर] भिक्षुक । 'यरिया स्त्री ['चर्या ] भिक्षा के लिए पर्यटन । 'लाभिय पं [लाभिक] भिक्षुक - विशेष । भिखारी । भि देखो भिउ । भिंगार पुं [भृङ्गार] झारी । पक्षि- विशेष । भिगुडि देखो भिउडि | स्वर्ण मय । जल-पात्र | भिक्खाग भिक्खाय भिक्खु पुंस्त्री [भिक्षु ] भिखारी | मुनि, संन्यासी, ऋषि । बौद्ध संन्यासी । स्त्री. 'णी । ० ● पडिमा स्त्री [ प्रतिमा] साधु का अभिग्रहविशेष | व्रत- विशेष | 'पडिया स्त्री [प्रतिज्ञा ] साधु का उद्देश्य, साधु के निमित्त । भिक्खुंड देखो भिच्छंड | भिक्खोंड देखो भिच्छंड भिखारि (अप) वि वि [ भिक्षाक] भिक्षा से शरीरनिर्वाह करनेवाला । For Private & Personal Use Only [[भिक्षाकारिन्] भिच्च पुं [ भृत्य ] नौकर | वि. अच्छी तरह पोषण करनेवाला । वि भरणीय, पोषणीय । 'भाव पुं. नौकरी । भिच्छ देखो भिक्ख । भिच्छा देखो भिक्खा । भिच्छंड वि [दे. भिक्षोण्ड ] भिखारी । पुं. बौद्ध साधु । www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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