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________________ पुम्म-पुरिल्लपहाणा संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ५९१ रण । पुरत्थ . अ [पुरस्तात्] पहले, काल या पुम्म (अप) सक [दृश्] देखना । पुरत्थओ देश की अपेक्षा से आगे। पुयली स्त्री [दे] कमर के नीचे का भाग।। पुरत्था पूर्वदिशा। पुर (अप) देखो पूर = पूरय । पुरथिम वि [पौरस्त्य, पूर्व] पूर्व की तरफ पुर न. नगर । शरीर । °चंद पुं ["चन्द्र] ___ का । न. पूर्व दिशा। विद्याधर वंश का राजा। °भेयण वि पुरत्थिमा स्त्री [पूर्वा] पूर्व दिशा । [°भेदन] नगर का भेदक । °वइ पुं [°पति] पुरदेव पुं [पुरादेव] भगवान् आदिनाथ । नगर का अधिपति । °वर न श्रेष्ठ नगर । पुरव देखो पुव्व। °वाल पुं [°पाल] नगर-रक्षक, राजा । पुरस्सर वि. अग्रगामी। पुर देखो पुरं । पुरा स्त्री [पुर्] नगरी। पुरएअ ) देखो पुरदेव। पुरा देखो पुरिल्ला = पुरा । °इय, कय वि पुरएव । [कृत] पूर्व काल में किया हुआ । °भव पु. पुरओ अ [पुरतस्] आगे । पहले, पूर्व में। । पूर्व जन्म । पुरं अ [पुरस्] पहले पूर्व में । समक्ष । गम | पुराअण वि [पुरातन] प्राचीन । वि. अग्रगामी, पुरोवर्ती। देखो पुरे, पुराकर सक [पुरा+कृ] आगे करना। पुरो। पुराण वि. पुराना । न. व्यासादि मुनि-प्रणीत पुरंजय पुं [पुरञ्जय] विद्याधर राजा । °पुर __ ग्रन्थ-विशेष, पुरातन इतिहास के द्वारा जिसमें न एक विद्याधर-नगर । धर्म-तत्त्व निरूपित किया जाता हो वह पुरंदर पुं [पुरन्दर] देवराज इन्द्र । गन्ध- | शास्त्र । पुरिस पुं [पुरुष] श्रीकृष्ण । द्रव्य । चव्य का पेड़ । एक राजर्षि । मन्दर- | पुरिकोबेर पुं. ब. [पुरीकौबेर] देश-विशेष । कुञ्ज नगर का विद्याधर राजा । °जसा स्त्री पुरित्थिमा देखो पुरत्थिमा। ['यशस्] राज-कन्या। °दिसि स्त्री [°दिश्] पुरिम देखो पुव्व = पूर्व । डढ पुन ["] पूर्व दिशा। पूर्वार्ध । प्रत्याख्यान-विशेष । निविकृतिक तप । पुरंधि । स्त्री [पुरन्ध्री] बहु कुटुम्बवाली ड्ढिय वि [°ाधिक] 'पुरिमड्ढ' प्रत्याख्यान करनेवाला। पुरंधी । स्त्री। पति और पुत्रवाली स्त्री। पुरिम वि [पौरस्त्य] अग्न-भव, अग्रेतन । अनेक काल पहले व्याही हुई स्त्री। पुरिम पुं [दे] प्रस्फोटन, प्रतिलेखन की क्रिया । पुरक्कड देखो पुरक्खड । पुरिमताल न. नगर-विशेष । पुरक्कार पुं [पुरस्कार] आगे करना, अग्रतः पुरिल पुं [दे] दैत्य, दानव । स्थापन । सम्मान । पुरिल्ल वि [पुरातन] पुरा-भव, पूर्ववर्ती । पुरक्खड वि [पुरस्कृत] आगे किया हुआ। पुरिल्ल वि [पौरस्त्य] पुरो-भव, पुरो-वर्ती, पुरोवर्ती, आगामी । अग्र-गामी। पुरच्छा देखो पुरत्था। पुरिल्ल वि [पौर] पुर-भव, नागरिक । पुरच्छिम देखो पुरत्थिम । 'दाहिणा स्त्री | परिल्ल वि [दे] श्रेष्ठ । [°दक्षिणा] पूर्व-दक्षिण दिशा, अग्निकोण । | पुरिल्ल देखो पुरिल्ला = पुरा । पुरच्छिमा देखो पुरत्थिमा। पुरिल्लदेव पुं [दे] असुर । पुरत्थ वि [पुरःस्थ] अग्रवर्ती, पुरस्सर । पुरिल्लपहाणा स्त्री [दे] सांप की दाढ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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