SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 562
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पराणग-परिअट्टिय क्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष पराणग वि [परकीय] दूसरे का। समीपता। विनिमय । अतिशय, विशेष । पराणिय वि [पराणीत] पहुँचा हुआ । सम्पूर्णता । बाहरपन । ऊपर । बाकी । पूजा । पराणी सक [परा + णी] पहुँचाना । व्यापकता । निवृत्ति । शोक । किसी प्रकार परानयण न [पराणयन] पहुँचाना। की प्राप्ति । आख्यान । सन्तोष-भाषण । अलंपराभव सक [परा + भू] हराना । करण। आलिंगन । नियम । प्रतिषेध । पराम? देखो परामुट्ठ। निरर्थक भी इसका प्रयोग होता है । परामरिस सक [परा + मृश्] विचार करना, परि देखो पडि = प्रति । विवेचन करना । स्पर्श करना । आच्छादित परि स्त्री [दे] गीति, गीत । करना । पोंछना । लोप करना । परि सक [क्षिप्] फेंकना । परामरिस पुं. [परामर्श] विवेचन, विचार । परिअंज सक [परि + भञ्ज्] तोड़ना । युक्ति, उपपत्ति । स्पर्श । न्यायशास्त्रोक्त परिअंत सक [श्लिष्] आलिंगन करना । संसर्ग व्याप्ति-विशिष्ट रूप से पक्ष का ज्ञान । करना। परामिट्ठ। वि [परामष्ट] विचारित, विवे- परिअंत देखो पज्जंत । परामुट्ठ । चित । छुआ हुआ । परिअंतणा स्त्री [परियन्त्रणा] अतिशय परामुस देखो परामरिस । यन्त्रणा। पराय अक [प्र + राज्] विशेष शोभना । परिअंभिअ वि [परिजृम्भित] विकसित । पराय पुं[पराग] धूली । पुष्प-रज। परिअट्ट अक [परि + वृत्त] पलटना, बदलना। पराय ) वि [परकीय] पर-सम्बन्धी । फिर-फिर होना । परायग परिअट्ट सक [परि + वर्तय] पलटाना, परायण वि. तत्पर । बदलाना । आवृत्ति करना, पठित पाठ को परारि अ. आगमी तीसरा वर्ष । याद करना । फिराना, धुमाना। पराल देखो पलाल। परिअट्ट सक [परि + अट्] संचरण करना । पराव (अप) सक [प्र+आप्] प्राप्त करना । परिभ्रमण करना, घूमना। परावत्त अक [परा+वृत्] बदलना, पलटना । परिअट्ट पुं [दे] धोबी। पीछे लौटना। परिअट्ट पुं [परिवर्त] पलटाव, बदला। समय परावत्त सक [परा+वर्तय ] फिराना । ___ का परिणाम-विशेष, अनन्त उत्सपिणी और आवृत्ति करना। अवसर्पिणी काल। परासर पुं [पराशर] पशु-विशेष । ऋषि- परिअट्टग वि [परिवर्तक] परिवर्तन करनेविशेष । वाला। परासु वि. मृत। परिअट्टण न [परिवर्तन] पलटाव, बदला पराहव देखो पराभव = पराभव । करना । द्विगुण, त्रिगुण आदि उपकरण । पराहुत्त वि [दे. पराङ्मुख] विमुख । परिअट्टय वि [पर्यटक] परिभ्रमण करनेवाला । पराहुत्त । वि [पराभूत] हराया हुआ । परिअलिअ वि [दे] परिच्छिन्न । परिअट्टविअ वि [दे] परिच्छिन्न । परि अ. इन अर्थों का सूचक अव्यय-सर्वतो- परिअट्टिय वि [परिवर्तित] बदलाया हुआ। भाव, चारों ओर । परिपाटी । पुनः-पुनः । देखो परिअत्तिअ । पराहू Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy