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________________ ४४० संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष तेल-तोरण तेल न [तैल] गोत्र-विशेष । तेल । हुई एक खाद्य वस्तु । तेलंग पुं. ब. [तैलङ्ग] देश-विशेष । पुंस्त्री. तोक्कय वि [दे] बिना ही कारण तत्पर होने देश-विशेष का निवासी मनुष्य, तैलंगी। वाला। तेलाडी स्त्री [तैलाटी] कीट-विशेष, गंधोली। | तोक्खार देखो तुक्खार । तेलक्क न [त्रैलोक्क] तीन जगत्-स्वर्ग, | तोटअ न [त्रोटक] छन्द-विशेष । तेलोअमर्त्य और पाताल लोक । दंसि वि तोड सक [तुड्] तोड़ना, भेदन करना । अक. तेलोक[दर्शिन्] सर्वज्ञ. सर्वदर्शी। °णाह। टूटना । पुं[°नाथ] तीनों जगत् का स्वामी, परमे- | तोड पुं [त्रोड]त्रुटि । श्वर । °मंडण न [°मण्डन] तीनों जगत् का | तोडण वि [दे] असहिष्णु । भूषण । पुं. रावण का पट्ट हस्ती । तोडण न [तोदन] व्यथा, पीड़ा-करण । तेल्ल न [तैल] तेल, तिल का विकार, स्निग्ध | तोडर न [दे] टोडर, माल्य-विशेष । द्रव्य विशेष । °केला स्त्री. मिट्टी का भाजन- तोडहिआ स्त्री [दे] वाद्य-विशेष । विशेष । °पल्ल न [°पल्य] तैल रखने का तोडिअ वि [त्रोटित] तोड़ा हुआ । मिट्टी का भाजन-विशेष । °पाइया स्त्री तोडु पं [दे] क्षुद्र कीट-विशेष, चतुरिन्द्रिय जीव [पायिका] क्षुद्र जन्तु विशेष । की एक जाति । तेल्लग न [तैलक] सुरा-विशेष । | तोण पुंन [तुण] तरकस, तूणीर । तेल्लिअ पुं तैलिक] तेल बेचनेवाला । तोणीर पुंन [तूणीर शरधि, भाथा । तेल्लोअ ) देखो तेलुक्क । | तोत्त न [तोत्र] प्रतोद, बैल को मारने या तेल्लोक्क हाँकने का बाँस का आयुध-विशेष, पैना, तेवें । (अप) देखो तह = तथा । सोंटा। तेवइ तोत्तडि [दे] देखो तोंतडि । तेव? वि [वैषष्ट] तिरसठ की संख्यावाला, | तोदग वि तोदक] व्यथा उपजानेवाला, जिसमें तिरसठ अधिक हो ऐसी संख्या । पीड़ा-कारक । तेवड (अप) वि [तावत् उतना । तोमर पुंन [दे. तोमर] मत्रपुडा । तेवण्णासा स्त्री [त्रिपञ्चाशत् त्रेपन । तोमर पुं. बाण-विशेष । न. छन्द-विशेष । तेवीसइ स्त्री [त्रतोविंशति तेईस । तोमरिअ पुं [दे] शस्त्र का प्रमार्जन करनेतेवुत्तरि देखो ते-वत्तरि। वाला । शस्त्र-मार्जन। तेह (अप) वि [तादृश् ] उसके जैसा, वैसा । तोमरिगुंडी स्त्री [दे] वल्ली-विशेष । तेहिं (अप) अ. वास्ते, लिए। तोमरी स्त्री [दे] लता। तेहिय वि [त्र्यादिक] तीन दिन का । तोम्हार (अप) देखो तुम्हार । तेहुत्तरि देखो ते-वत्तरि।। तोय न [तोय] जल । धरा, धारा स्त्री तो देखो तओ। [ धारा] एक दिक्कुमारी देवी । °पटु, पिट्ठ तो अ [तदा] तब । न [पृष्ठ] पानी का उपरिभाग । तोअय पुं [दे] चातक पक्षी । तोय पुं [तोद] व्यथा, पीड़ा । तोंड देखो तुंड। तोरण न [तोरण] द्वार का अवयव-विशेष, तोंतडि स्त्री [दे] करम्ब, दही-भात की बनी । बहिर । बन्दनवार, फूल या पत्तों की Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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