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________________ तारी-तावस संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ४२७ तारो स्त्री. तारकजातीय देवो । | नर्तक आदि मनुष्य-जाति । तारुअ वि [तारक] तारनेवाला । तालिअंट सक [भ्रमय ] घुमाना, फिराना । तारुण्ण न [तारुण्य] यौवन । तालिअंट न [तालवृन्त] व्यजन । ताल देखो ताड = ताडय् । तालिअंटिर वि [भ्रमयितु] घुमानेवाला । ताल सक[तालयताला लगाना, बन्द करना । | तालिस देखो तारिस । ताल पुं. वृक्ष-विशेष । वाद्य-विशेष, कंसिका। | ताली स्त्री. वृक्ष-विशेष । छन्द-विशेष । °पत्त ताली। चपेटा,तमाचा । वाद्य-समूह। आजीवक | न [°पत्र ताल-वृक्ष के पत्ता का बना हुआ मत का एक उपासक । न. ताला, द्वार बन्द | पंखा। करने की कल । तालवृक्ष का फल । °उड न | तालु न [तालु] तालु, मुँह के अन्दर का ऊपरी [°पूट] तत्काल प्राण-नाशक विष-विशेष ।। भाग। जंघ पुं [जङ्क] नृप-विशेष । वि. ताल को | तालुग्घाडणी स्त्री [ तालोद्घाटनी] ताला तरह लम्बी जाँघवाला । ज्झय [ध्वजा खोलने की विद्या ।। बलदेव । नृप-विशेष । शत्रुञ्जय पहाड । | तालुर पुं [दे] फीण । कपित्थ वृक्ष, कैथ का “पलंब पुं [ °प्रलम्ब ] गोशालक का एक पेड़ । पानी का आवर्त । पुं. पुष्प का सत्व । उपासक । पिसाय पुं[पिशाच] दीर्घकाय | ताव सक [ तापय् ] तपाना, गरम करना । राक्षस । 'पुड देखो °उड। °यर पुं ["चर]| सन्ताप करना, दुःख उपजाना। चारण जाति । विट, विंत, वेंट, 'वोंट | ताव पुं [ताप] गरमी, ताप । सन्ताप, दुःख । न [°वृन्त]पंखा । °संवुड पुं[संपुट] ताल | सूर्य । दिसा स्त्री दिश्] सूर्य-तापित दिशा। के पत्रों का संपुट, ताल-पत्र-संचय । °सम | ताव मातावद। इन अथा का सूचक अव्ययवि. ताल के अनुसार स्वर, स्वर-विशेष । | तबतक । प्रस्तुत अर्थ । अवधारण, निश्चय । तालंक पुं [ताडङ्क] कुण्डल । छन्द-विशेष । अवधि । पक्षान्तर । प्रशंसा । वाक्य-भूषा । तालंकि पुंस्त्री [तालङ्किन छन्द-विशेष । मान । साकल्य, सम्पूर्णता । तब, उस समय । तालग न [ तालक ] ताला, द्वार बन्द करने तावअ वि [तावक] तुम्हारा । तावइअ वि [तावत्] उतना । का यन्त्र । तावं देखो ताव = तावत् । तालणा स्त्री [ ताडना ] चपेटा आदि का तावँ । (अप) देखो ताव = तावत् । प्रहार। तालप्फली स्त्री [दे] नौकरानी । ताहिं । तावण पुं तापन] चौथी नरकभूमि का एक तालय देखो तालग। नरकस्थान। वि.तपानेवाला । न. गरम करना, तालसम न. गेय काव्य का एक भेद । तपाना । पुं. इक्ष्वाकु वंश का एक राजा । तालहल पुंदे] शालि, व्रीहि । तावत्तीस ) ताला अ [तदा] उस समय । तावत्तीसग देखो तायत्तीसय । ताला स्त्री [दे] खोई, धान का लावा । तालाचर पुं [तालचर] ताल (वाद्य) बजाने तावत्तीसा देखो तायत्तीसा। वाला। तावस पुं तापस] तपस्वी, योगी, संन्यासीतालाचर । पुं [ तालाचर ] प्रेक्षक-विशेष, | __ विशेष । एक जैनमुनि । गेह न. तापसों का तालायर ताल देनेवाला प्रेक्षक । नट, । मठ । तावत्तीसय , Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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