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________________ ३७२ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष णंदा-णंदुत्तर नाथ की माता । भगवान् महावीर के | विशेष । 'राय पुं [राज] पाण्डवों के समअचलभ्रातृ नामक गणधर की माता । रावण कालीन एक राजा । प्राय [राग] समृद्धि की एक पत्नी। पश्चिम रुचक-पर्वत पर में हर्ष । °रुक्ख पुं [°वृक्ष] वृक्ष-विशेष । रहनेवाली एक दिक्कुमारी देवी । ईशानेन्द्र °वड्ढणा देखो °वद्धणा। °वद्धण पुं को एक अग्रमहिषो की राजधानी । एक | [°वर्धन] भगवान् महावीर का ज्येष्ठ भ्राता । पुष्करिणी। ज्योतिष-शास्त्र में प्रसिद्ध प्रति- पक्ष-विशेष । एक राजकुमार । न. नगरपदा, षष्ठी और एकादशी तिथि । विशेष। वद्धणा स्त्री [°वर्धना] एक णंदा स्त्री [दे] गैया। दिक्कुमारी देवी । एक पुष्करिणी । "सेण पुं णंदावत्त पुं नन्दावर्त] एक प्रकार का | [°षेण] ऐरवत वर्ष में उत्पन्न चतुर्थ जिनदेव । स्वस्तिक । क्षुद्र जन्तु की एक जाति । न.. एक जैन कवि । एक राजकुमार । एक जैन देव-विमान-विशेष । मुनि । देव-विशेष । °सेणा स्त्री [षेणा] णंदि पुंस्त्री [नन्दि] बारह प्रकार के वाद्यों पुष्करिणी-विशेष । एक दिक्कुमारी देवी । की एक ही साथ आवाज । हर्ष । मतिज्ञान सेणिया स्त्री [°षेणिका] राजा श्रेणिक की आदि पाँचों ज्ञान । वाञ्छित अर्थ की प्राप्ति । एक पत्नी । °स्सर [°स्वर] देखो णंदीसर मंगल । समृद्धि । जैन आगम ग्रन्थ-विशेष । बारह प्रकार के वाद्यों की एक ही साथ अभिलाष । गान्धार ग्राम की एक मुर्छना । आवाज । णंदिअ न [दे] सिंह की चिल्लाहट, दहाड़ । पुं. एक राजकुमार । एक जैन मुनि जो अपने आगामी भव में द्वितीय बलदेव णंदिअ वि [नन्दित] समृद्ध । जैन मुनि-विशेष। होगा । वृक्ष-विशेष । आवत्त देखो यावत्त । गंदिक्ख पुं [दे] सिंह। °उड्ढ पुं [°वृद्ध] एक प्राचीन कवि का | णंदिघोस पुं [नन्दिघोष] वाद्य-विशेष । नाम । °कर, गर वि [°कर] मंगल णंदिज न [नन्दीय] जैन मुनियों का एक कुल । कारक । गाम पुं [ग्राम] ग्राम-विशेष । णंदिणी स्त्री [नन्दिनी] पुत्री। °पिउ पुं °घोस पुं [°घोष] बारह प्रकार के वाद्यों। [°पितृ] भगवान् महावीर का एक गृहस्थ की आवाज । न. देवविमान-विशेष । 'चुण्णग | उपासक । न [°चूर्णक] होठ पर लगाने का एक प्रकार शंदिणी स्त्री [दे] गाय । का चूर्ण । 'तूर न [तूर्य] एक साथ बजाया | णंदिल पुं [नन्दिल] आर्यमंगु के शिष्य एक जाता बारह तरह का वाद्य । 'पुर न जैनमुनि । साण्डिल्य देश का एक नगर । °फल पुं. वृक्ष- | णंदिस्सर । [नन्दीश्वर] एक द्वीप । एक विशेष । भाण न [भाजन] उपकरण- | णंदीसर J समुद्र । एक देव-विमान । विशेष । मित्त पुं[°मित्र] देखा णंद-मित्त । णंदी देखो णंदि। एक राजकुमार, जिसने भगवान् मल्लिनाथ | णंदी स्त्री [दे] गाय । के साथ दीक्षा ली थी । ‘मुइंग पुं[ मृदङ्ग]| गंदीसर पुं [नन्दीश्वर] एक द्वीप । °वर पुं. एक प्रकार का मृदंग । °मुह न [°मुख ] नन्दीश्वर-द्वीप । °वरोद पुं. समुद्र-विशेष । पक्षि-विशेष । 'यर देखो कर । यावत्त णंदुत्तर पुं [नन्दोत्तर] नागकुमार के भूतानन्द पुं[ °आवर्त ] स्वस्तिक-विशेष । एक लोक- नामक इन्द्र के रथ-सैन्य का अधिपति देव । पाल देव । क्षुद्र जन्तु-विशेष । न. देवविमान- वडिसग न [°ावतंसक] एक देव-विमान । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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