SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 370
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जाव-जिहाणी संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ३५१ जावं। जिअ न [जित] जय। गासि वि जाव पुं [जाप] मन ही मन बार-बार देवता [काशिन्] जीत से शोभनेवाला विजेता । का स्मरण, मन्त्र का उच्चारण । °सत्तु पुं[°शत्रु] अंग-विद्या का जानकार जावइ पुं [दे] वृक्ष-विशेष । दूसरा रुद्र -पुरुष । जावइअ वि [यावत्] जितना । जिअ वि [जित] पराभूत, अभिभूत । परिजावई स्त्री [जातिपत्री] कन्द-विशेष । गुच्छ चित । 'प्प वि [°ात्मन्] जितेन्द्रिय । °भाणु वनस्पति की एक जाति । जावईय पुं [जातिपत्रीक] कन्द-विशेष । पुं [ भानु] राक्षस वंश का एक राजा, एक लंका-पति । सत्तु पुं [°शत्रु] भगवान् जावं देखो जाव। 'ताव अ [°तावत्] अजितनाय का पिता । नृप-विशेष । °सेण पुं गणित-विशेष । गुणाकार । [°सेन] जैन आचार्य-विशेष । नृप-विशेष । जावंत देखो जावइअ । एक चक्रवर्ती राजा। स्वनामख्यात एक जावग देखो जावय = यापक । कुलकर । °रि पुं. भगवान् सम्भवनाथजी जावण न [यापन] बिताना । दूर करना । का पिता। जावणिज वि [यापनीय] जो बिताया जाय. | | जिअंती स्त्री [जीवन्ती] वल्ली-विशेष । गुजारने-योग्य । शक्ति-युक्त। °तंत न जिअव वि [जीववत्] जय-प्राप्त । [तन्त्र] ग्रन्थ-विशेष । जिइंदिय । वि [जितेन्द्रिय] इन्द्रियों को जावय वि [यापक] बितानेवाला । पुं. तर्क- जिएंदिय । वश में रखनेवाला, संयमी । शास्त्र प्रसिद्ध काल-क्षेपक हेतु । जिंघ सक [घ्रा] संघना । जावय वि [जापक] जीतनेवाला। जिडह ) पुंदे] गेंद । जावय पुं यावक] अलक्तक । जिंडुह । जावसिय वि [यावसिक] धान्य से गुजारा जिंडुह पुं[दे] कन्दुक । करनेवाला । घास-वाहक । जिभ । देखो जंभाय । जास पुंजाष] पिशाच-विशेष । जिभाअ । जासुमण ) पुं [जपासुमनस्] जपा का | जिभिया स्त्री [जृम्भा] जृम्भण । जासुमिण वृक्ष, पुष्पप्रधान । न. जपा का | जिगीसा स्त्री [जिगीषा] जय की इच्छा । जासुयण ' फूल । जिग्घ देखो जिंघ। जाहग पुं [जाहक] जन्तु-विशेष, साही या | जिच्च देखो जिण - जि का कृ.। साहिल । जिट्ट वि [ज्येष्ठ] महान्, वृद्ध, बड़ा । श्रेष्ठ, जाहत्थ न [याथार्थ्य] वास्तविकता । उत्तम । पुं. बड़ा भाई । भूइ पुं [भूति] जाहासंख देखो जहा-संख । जैन साधु-विशेष । °मूली स्त्री. ज्येष्ठ मास की जाहे अ [यदा] जिस समय । पूर्णिमा । जि (अप) देखो एव = एव । जिट्ठ पुं [ज्येष्ठ] जेठ मास । जिअ अक [ जीव् ] जीना, प्राण-धारण | जिट्ठा स्त्री [ज्येष्ठा] भगवान् महावीर की करना। पुत्री । भगवान् महावीर की भगिनी । नक्षत्रजिअ पं [जीव] आत्मा, प्राणी, चेतन । लोअ | विशेष । देखो जेट्टा। पुं [°लोक] दुनिया। जिट्ठाणी स्त्री [ज्येष्ठा] बड़े भाई की पत्नी । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy