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________________ जाउ-जाय जाउ स्त्री [यातृ] देवर-पत्नी | वि. जानेवाला 1 जाउया स्त्री [यातृका] देवर-पत्नी । जाउर पुं [दे] कपित्थवृक्ष, कैथ का फल | जाउल पुं [जातुल] वल्ली-विशेष | जाउहाण पुं [ यातुधान] राक्षस । जाग पुं [याग ] यज्ञ, होम, हवन | देव पूजा | जागर अक [ जागृ ] जागना, निद्रा त्याग संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष करना | जागर वि. जागनेवाला, पुं. जागरण । जागरइत्तु वि [ जागरितृ] जागनेवाला । जागरिअवि [ जागृत ] जागा हुआ, निद्रा रहित, प्रबुद्ध । जागर्या] जागरिअवि [ जागरिक] निद्रा-रहित । जागरिया स्त्री [ जागरिका, जागरण, निद्रा त्याग । जागरुअवि [जागरुक ] जागता, जागने के स्वभाववाला । जाजावर वि [ यायावर] गमनशील, विनश्वर । जाडी स्त्री [दें] गुल्म, लता-प्रतान | जाण सक [ज्ञा] जानना, ज्ञान प्राप्त करना, समझना । जाण पुंन [ यान] रथादि वाहन, सवारी । यानपात्र, नौका, जहाज । गमन, गति । पत्त, वतन [पात्र ] जहाज, नौका | 'साला स्त्री ['शाला ] अस्तबल | वाहन बनाने का कारखाना । जाण न [ज्ञान] बोध, समझ । जाण' वि [जानत् ] जानता हुआ । जाई स्त्री [ जानकी] सीता । जाणअ / वि [ज्ञायक ] जानकार, ज्ञानी । जाणग जागी देखो जाई । जाणण न [ दे] बारात । जाणय देखो जाणग । जाय वि [ ज्ञापक] समझानेवाला । जाणया स्त्री [ज्ञान ] समझ, जानकारी | Jain Education International जाणवय वि [जानपद] देश में उत्पन्न, सम्बन्धी | जाणा व सक [ज्ञापय् ] ज्ञान कराना, जनाना । जाणावणा स्त्री [ज्ञापनी ] विद्या - विशेष | } जाणावणी जाणाविय वि [ज्ञापित] जनाया, विज्ञापित, मालूम कराया, निवेदित । जान [जा] घटना | जाण जाणुअ जाणे अ [जाने] उत्प्रेक्षा-सूचक अव्यय, जाम सक [मृज्] मार्जन करना । वि [ज्ञायक ] जाननेवाला, ज्ञाता । ३४९ देश जाम पुं [याम ] प्रहर, तीन घण्टा का समय । यम, अहिंसा आदि पाँच व्रत । आठ से बत्तीस, बत्तीस से साठ और साठ से अधिक वर्ष की उम्र | वि. यम-सम्बन्धी । इल्ल वि [त्] प्रहरवाला | पुं. पहरेदार । दिसा स्त्री [° दिश्] दक्षिण दिशा । 'वई स्त्री [ती] रात्रि | जाम देखो जाव = यावत् । जामग्रगहण न [ यामग्रहण ] पहरेदारी | जामाइ देखो जामाउ । जायक [याच्] माँगना । जाक [यात कदर्थना करना । मानो । | जामाउ पुं [जामातृ] दामाद | जामि स्त्री [जामि, यामि] बहिन | जामिअ देखो जामिंग । मग पुं [यामिक ] प्राहरिक, पहरेदार । जामिणी स्त्री [ यामिनी] रात्रि | जामिल्ल देखो जामिग । जामेअ पुं [याय ] भानजा । For Private & Personal Use Only पीड़ना, यन्त्रणा करना । जाय देखो जाग । जाय वि. [जात] उत्पन्न । न संघात । भेद | वि. प्रवृत्त । पुं. पुत्र । न बच्चा, सन्तान । उत्पत्ति । 'कम्म न [ 'कर्मन् ] प्रसूति कर्म । www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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