SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 354
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३३५ छध-छेद संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष छुध वि [क्षुध] भूखा। | छेअ पुं [दे] अन्त, प्रान्त, पर्यन्त । देवर । छुन्न पुंन [क्षुण्ण] नपुंसक । एक देश, एक भाग । निविभाग अंश । छुप्पंत छुव का वकृ.। छेअ वि [छेक निपुण । °ायरिय पुं[चार्य] छुब्भ अक [क्षुभ् क्षुब्ध होना, विचलित होना । शिल्पाचार्य, कलाचार्य। छुब्भत्थ [दे] देखो छोब्भत्थ । छेअ वि [दे. छेक] विशुद्ध, निर्मल । न. छुभ देखो छुह । कालोचित हित । छुमा देखो छमा। छेअ पुं [छेद] विनाश । खण्ड, विभाग । छेदन, छुर सक [ छुर् ] लेप करना, लीपना । छेदन | कर्तन । छः जैन आगम-ग्रन्थ, वे ये हैंकरना । व्याप्त करना। निशीथसूत्र, महानिशीथसूत्र, दशा-श्रुतस्कन्ध, छुर पु [क्षुर] छुरा, नापित का अस्त्र । पशु बृहत्कल्प, व्यवहारसूत्र, पञ्चकल्पसूत्र । अलग का नख, खुर । गोखरू का वृक्ष । बाण । न. किया हुआ अंश । कमी । प्रायश्चित्त-विशेष । तृण-विशेष । °घरय न [°गृहक] नापित के शुद्धि-परीक्षा का एक अंग, धर्म-शुद्धि जानने छुरा वगैरह रखने की थैली । का एक लक्षण, निर्दोष बाह्य आचरण । छुरमड्डि पु [दे] नापित । रिह न [ह] प्रायश्चित्त-विशेष। । छुरहत्थ पुं [दे. क्षुरहस्त] हजाम । | छेअअ , वि [छेदक] छेदन करनेवाला, छुरिआ स्त्री [दे]। छेअग काटनेवाला। छुरिआ । स्त्री [क्षुरिका] छुरी, चाकू ।। छेअण न [छेदन] खण्डन, कर्तन, द्विधाकरण । न्यूनता, ह्रास । हथियार । निश्चायक वचन । छुरी स्त्री [क्षुरी] छुरी, चाकू । सूक्ष्म अवयव । जल-जीव-विशेष । छुल्ल देखो छुड्ड। छेओवढावण । न [छेदोपस्थापनीय] छुल्लुच्छुल देखो चुल्लुच्छल । छेओवट्ठावणिय जैन संयम विशेष, बड़ी छुव सक [ छुप् ] स्पर्श करना। दीक्षा। छुह सक [ क्षिप् ] फेंकना, डालना। छेछई [दे] देखो छिछई। छुहा स्त्री [सुधा] अमृत । खड़ी, चूना । °अर छेड [दे] देखो छिड। पुं[°कर] चन्द्र । जेंडा स्त्री [दे] शिखा । नवमालिका लता । छुहा स्त्री [क्षुध्] बुभुक्षा। छेडी स्त्री [दे] छोटी गली, छोटा रास्ता । छेग देखो छेअ = छेक । छुहाइअ वि [क्षुधित] भूखा । छेन्ज देखो छिज्ज। छुहाउल - वि [क्षुधाकुल] छेदन-क्रिया। छुहालुव [क्षुधालु] छेण पुं [दे] चोर । छुहिअ ) वि [क्षुधित] छेत्त देखो खेत्त। छुहिअ वि [दे] लिप्त, पोता हुआ । छेत्तर न [दे] सूप वगैरह पुराना गृहोपकरण । छूढ वि [क्षिप्त] क्षिप्त, प्रेरित । छेत्तसोवणय न [दे] खेत में जागना । छूहिअ न [दे] पार्श्व का परिवर्तन । छेत्तु वि [छेतृ] छेदनेवाला, काटनेवाला । छेअ सक [छेदय] छिन्न करना । तोड़वाना, | छेद देखो छेअ = छेदय । छेदवाना। | छेद देखो छेअ = छेद । छुरिगा । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy