SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 341
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३२२ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष चित्ताचिल्लडय-चिलाअ चित्ताचिल्लडय , पुं [दे] जंगली पशु- चिरं अ [चिरम्] दीर्घ काल तक । तण वि चित्ताचेल्लरय विशेष । °तना पुराना। चित्तावडी स्त्री [चित्रपटी] वस्त्र-विशेष, छींट चिर न. दीर्घ काल । विलम्ब । वि. दीर्घ काल (बूटीदार) आदि कपड़ा। तक रहनेवाला । °आरअ वि [कारक] चित्तिया स्त्री [चित्रिका] स्त्री-चीता, श्वापद- विलम्ब करनेवाला । °जीवि वि [जोविन्] विशेष की मादा। दीर्घ काल तक जीनेवाला। जीविअ वि चित्ती देखो चेत्ती। [जीवित] वृद्ध । °दिइ °ट्टिइय, ‘ट्टिईय चित्ती स्त्री [चैत्री] चैत्र मास की पूर्णिमा।। वि [स्थितिक] लम्बा आयुष्यवाला, दीर्घ चिद्दविअ । वि [दे] निर्णाशित, विना. काल तक रहनेवाला । 'राअ पुं [रात्र चिद्दाविअ । शित। बहु काल, दीर्घ काल । चिप्प सक [दे] कूटना । दबाना। चिर अक [चिरय] विलम्ब करना। आलस चिप्पग पुंन [दे] कूटी हुई छाल । करना। चिप्पड देखो चिविड। चिरच्चिय वि [चिरचित] चिरकाल से उपचिप्पय देखो चिप्पग। चित-इकट्ठा किया हुआ या बढ़ा हुआ। चिप्पिअ पुं [दे] नपुंसक-विशेष, जन्म के चिरडी स्त्री [दे] वर्ण-माला । समय में अंगूठे से मर्दन कर जिसका अंडकोश चिरड्डिहिल्ल [दे] देखो चिरिडिहिल्ल । दबा दिया गया हो वह । चिरमाल सक [प्रति + पालय] परिपालन चिप्पिडय पुं[दे] अन्न-विशेष । करना। चिबुअ न [चिबुक] होठ के नीचे का अव- चिरया स्त्री [दे] कुटी-झोपड़ी। यव, ठोढ़ी। चिरस्स अ [चिरस्य] बहुत काल तक । चिब्भड न [चिभिट] खीरा, ककड़ी का फल। चिराअ देखो चिर = चिरम् । चिब्भडिया स्त्री [चिभिटिका] ककड़ी का चिराइय वि (चिरादिक] पुराना। गाछ । मत्स्य की एक जाति । चिराईय वि [चिरातीत] प्राचीन । चिब्भिड देखो चिब्भड । चिराणय (अप) वि [चिरन्तन] पुरातन । चिमिट्ट । वि [चिपिट] चिपटा, बैठा चिरादण वि [चिरन्तन] ऊपर देखो। चिमिढ ) हुआ, दबा हुआ (नाक)। चिराव अक [चिरय] विलम्ब करना । आलस चिमिण वि [दे] रोमाञ्चित, गद्गद ।। करना । सक. विलम्ब कराना, रोक रखना। चिय देखो चेइअ = चैत्य ।। चिरिचिरा स्त्री [दे] जलधारा, वृष्टि । चियका । स्त्री [चिता] मुर्दे को फूंकने के चिरिक्का स्त्री [दे] मशक । अल्प वृष्टि । प्रातः चियगा । लिए चुनी हुई लकड़ियों का ढेर । काल । चियत्त देखो चत्त। ! चिरिचिरा [दे] देखो चिरिचिरा। चियत्त वि [दे] सम्मत । प्रीतिकर। प्रीति, चिरिडी देखो चिरडी। रुचि। चिरिड्डिहिल्ल न [दे] दही। चियया देखो चियगा। चिरिहिट्टी स्त्री [दे] गुञ्जा, धुंधची, लालरत्ती । चियाग । देखो चाय = त्याग । चिलाअ पुं [किरात] अनार्य देश-विशेष । चियाय । । किरात देश में रहनेवालो म्लेच्छ-जाति, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy