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________________ घिअ-धुसिरसार संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ३०३ घुम घिअ न [घृत] घी। धुणिय वि [धुणित]धुणों से विद्ध, घुना हुआ । घिअ वि [दे] तिरस्कृत, अवधीरित।। घुण्ण देखो घुम्म। घि° , पुं [ग्रीष्म] ग्रीष्म-काल । गरमी, घुत्तिअ वि [दे] गवेषित। प्रिंसु । अभिताप । घुन्न) देखो घुम्म । चिट्ठ वि [दे] कूबड़ा। घिट्ट वि [घृष्ट] घिसा हुआ, रगड़ा हुआ। घुमघुमिय वि [घुमघुमित] जिसने 'घुमघुम घिणा स्त्री [घृणा] जुगुप्सा, अरुचि । दया। आवाज किया हो वह । न. 'धुम-घुम' ध्वनि । घिणिल्ल वि [घृणावत्] घृणावाला, नफरत : घुम्म अक [धुणं ] घूमना, चक्राकार फिरना । करनेवाला। भटकना। घित्त (अप) वि [क्षिप्त] फेंका हुआ, डाला। घुयग पु[दे] एक तरह का पत्थर, जो पात्र हुआ। वगैरह को चिकना करने के लिए उस पर चित्तुमण वि [ग्रहीतुमनस्] ग्रहण करने की घिसा जाता है, खराद या चरखो। इच्छावाला। घुरहुर देखो घुरुघुर। घिस सक [ग्रस्] प्रसना, निगलना, भक्षण घुरुक्क अक [दे] गरजना। करना। धुरुक्कार पु [घुरुत्कार] सूअर आदि की घिसरा स्त्री [दे] मछली पकड़ने का जाल आवाज। विशेष । घुरुघुर अक [घुरुचुराय] धुरघुराना । व्याघ्र घुघुरुड पु[दे] ढेर, समूह। वगैरह का बोलना। घुट पु[दे] चूंट । घुरुघुरि [दे] मण्डूक । घुग्घ । (अप) पुंन [घुग्घिका] बन्दर की | घुरुधुरु । देखो घुरुधुर। घुग्घिअ । चेष्टा । घुग्घुच्छण न [दे] खेद, तकलीफ, परिश्रम । घुल देखो घुम्म । घुग्घुरि पु [दे] मेढ़क । घुलघुल अक [घुलघुलाय] 'घुल-घुल' आवाज घुग्घुस्सुअ वि [दे] निःशंक होकर गया हुआ। घुग्घुस्सुसय न [दे] आशंकायुक्त वाणी। घुलिकि स्त्री [दे] हाथी की आवाज । घुघुघुघुघुघ अक [घुघुघुघाय] 'घुघु' आवाज घुल्ला स्त्री [दे] कीट-विशेष, द्वीन्द्रिय जन्तु की करना, घूक या उल्लू का बोलना । एक जाति । घुघुय अक [घुघूय] ऊपर देखो। घुसण देखो घुसिण। घुटग पु [घष्टक] लिपे हुए पात्र को घिसने घुसल सक [मथ् | मथना, विलोड़ना। का पत्थर । घुसिण न [घुसृण] कुंकुम, केसर । घुट्टधुणिअ न [दे] पहाड़ की बड़ी शिला।। घुसिणल्ल वि [घुसृणवत्] कुंकुमवाला । घुट्ठ वि [घुष्ट] घोषित । घुसिणिअ वि [दे] गवेषित । घुडुक्क अक [ गर्ज ] गर्जारव करना। घुसिम न [दे] घुसृण, कुंकुम । घुण पु. काष्ठ-भक्षक कीट, घुन । घुसिरसार न [दे] अवस्नान, विवाह के अवघुणहुणिआ, स्त्री [दे] कर्णोपकणिका, सर में स्नान के पहले लगाया जाता मसूरादि घुणाहुणी कानाकानी। का पिसान, उबटन । घुरुहुर) करना। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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