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________________ घणिय-घरिल्ला संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ३०१ घणिय न [घनित] गर्जना। °सागर पुं. समुद्र-विशेष । घणोदहि पुं [घनोदधि] पत्थर की तरह | घयण पुं [दे] भाण्ड । कठिन जल-समूह । °वलय न. वलयाकार घयपूस पु [घृतपुष्य] एक जैन महर्षि । कठिन जल-समूह। घर पुंन [गृह] मकान । कुडी स्त्री ["कुटी] घण्ण पु [दे] उर । वि. रंगा हुआ। मार घर के बाहर की कोठरी । चौक के भीतर की डालने-योग्य । ... कुटिया । स्त्री का शरीर । °कोइला, °कोइघत्त सक [क्षिप्] फेंकना, डालना । प्रेरणा। लिआ स्त्री ['कोकिला] छिपकली । गोली घत्त सक [ग्रह.] ग्रहण करना । स्त्री. गृह-गोधा । गोहिआ स्त्री [°गोधिका] घत्त सक [गवेषय] ढूंढ़ना, अनुसन्धान करना । छिपकली, जन्तु-विशेष । °जामाउय पुं घत्त सक [यत्] यत्न करना । [जामातृक घर-जमाई । 'त्थ पु [ स्थ] घत्त वि [घात्य] मार डालने-योग्य । संसारी। नाम न [°नामन्] असली नाम, घत्ता स्त्री [घत्ता] छन्द-विशेष । वास्तविक नाम । °वाडय न [पाटक] ढको घत्ताणंद न [घत्तानन्द] छन्द-विशेष । हुई जमीन वाला घर । °वार न [ द्वार] घत्ति अ [दे] शीघ्र। घर का दरवाजा । °सउणि पुं [°शकुनि] घत्तु वि [घातुक] घातक, जल्लाद । पालतू जानवर । °समुदाणिय पु [समुदाघत्थ वि [ग्रस्त] गृहीत, पकड़ा हुआ । भक्षित, निक] आजीविक मत का अनुयायी साधु । निगला हुआ, कवलित । आक्रान्त, अभिभूत । °सामि [°स्वामिन्] घर का मालिक । घम्म पु [घर्म] गरमी, सन्ताप । पसीना। °सामिणी स्त्री [स्वामिनी] गृहिणी, स्त्री । घम्मा स्त्री [घर्मा] पहली नरक-पृथिवी । सूर [°शूर] झूठा शूर, घर में ही बहादुरी घम्मोई स्त्री [दे] तृण-विशेष । दिखानेवाला । घम्मोडी स्त्री [दे] मध्याह्न काल । मच्छर । घरंगण न [गृहाङ्गण] चौक । ग्रामणी नामक-तृण । घरकूडी स्त्री [गृहकूटी] स्त्री-शरीर । घय न [घृत] घी। आसव पुं [ व] | घरग देखो घर। जिसका वचन घी की तरह मधुर लगे ऐसा | घरघंट पु [दे] चटक, गौरैया पक्षी । लब्धिमान् पुरुष । °किट्ट न. घी का मैल । घरघरग पुं [दे] गला का आभूषण-विशेष । किट्टिया स्त्री [°किट्टिका] घी का मैल । घरट्ट पु. जाँता, चक्की। °गोल न [°गौल] घी और गुड़ की बनी | घरट्ट पु [दे] पानी का चरखा । हुई एक प्रकार की मिठाई, मिष्टान्न विशेष । घरट्टी स्त्री. तोप । °घट्ट पु. घी का मैल । °पुन्न पु [ पूर्ण] घरणी देखो घरिणी । घेवर । 'पूर पुं. घेवर मिष्टान्न विशेष । 'पूस- घरयंद पु [दे] दर्पण, शीशा । मित्त पु ["पुष्यमित्र] एक जैन मुनि, आर्य- | घरस पु [दे. गृहवास] गृहस्थाश्रम । रक्षित सूरि का एक शिष्य। मंड पु घरसण देखो घंसण । [°मण्ड] ऊपर का घी, घृतसार । मिल्लिया घरित वि [गृहवत्] घरवाला । स्त्री [इलिका] घी का कीट, क्षुद्र जन्तु- | घरिणी स्त्री [गृहिणी] भार्या । विशेष । °मेह पुं[ मेघ] धी के तुल्य पानी | घरिल्ल पु [गृहिन्] घरबारी । बरसनेवाली वर्षा । °वर पु. द्वीप-विशेष । । घरिल्ला स्त्री [गृहिणी] पत्नी । - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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