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________________ २९४ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष गुरुई-गेवेज्जय ल्लग पुं [°सहाध्यायिक] गुरु के भाई । जंगल । गुरुई देखो गरुई। गुविल वि [दे] चीनी का बना हुआ मिष्टान्न । गुरुणी स्त्री [गुर्वी] गुरु-स्थानीय स्त्री। धर्मो- गुम्विणी स्त्री [गुर्विणी] गर्भवती स्त्री। पदेशिका, साध्वी। गुह देखो गुभ। गुरेड न [गुरेट] तृण-विशेष । गुह पुं. कात्तिकेय । गुल देखो गुड = गुड । गुहा स्त्री. कन्दरा। गुल न [दे] चुम्बन । गुहिर वि [दे] गम्भीर, गहरा । गुलगुंछ सक [उत् + क्षिप्] ऊँचा फेंकना। गूढ वि. प्रच्छन्न । दंत पु. एक अन्तर्वीप । गुलगुंछ देखो गुलुगुंछ = उद् + नमय । द्वीप-विशेष का निवासी। एक जैन मुनि । गुलगुल अक [गुलगुलाम्] 'गुलगुल' आवाज 'अनुत्तरोपपातिक दशा' सूत्र का एक भावी करना, हाथी का हर्ष से चिधाड़ना या बोलना। चक्रवत्ता राजा। गुलगुलाइअ ) न [गुलगुलायित] हाथी की गूह सक [गुह, ] छिपाना, गुप्त रखना। गुलगुलिय । गर्जना। गूह न [गूथ] विष्ठा । गुलल सक [चाटौ कृ] खुशामद करना। | गृण्ह । (अप) देखो गिण्ह । गुललावणिया स्त्री [गुडलावणिका] गोलपापड़ी । गुड़धाना। गेअ वि [गेय] गाने-योग्य । न. गीत । गुलहाणिया स्त्री [गुडधानिका] खाद्य-विशेष। गेंठुअ न [दे] स्तनों के ऊपर की वस्त्र-ग्रन्थि । गुलिअ वि [दे] विलोड़ित । पुं. गेंद । | गेंठुल्ल न [दे] कञ्चुक । गुलिआ स्त्री [दे] बुसिका । गेंद । स्तबक । | गेंड न [दे] देखो गेंठुअ । गुलिआ स्त्री [गुलिका गोली। वर्णक द्रव्य | गेंडुई स्त्री [दे] क्रीड़ा, विनोद । विशेष, सुगन्धित द्रव्य-विशेष । गेंदुअ पु [कन्दुक] गेंद। गुलुइय वि [दे] लता समूहवाला । गेज्ज वि [दे] मथित । गुलुंछ पुं [गुलुञ्छ] गुच्छा । गेज्जल न [दे] ग्रीवा का आभरण । गुलुगुंछ देखो गुलगुंछ = उत् + क्षिप् । गेज्झ वि [ग्राह्य] ग्रहण-योग्य । गुलुगुछ सक [उत् + नमय] उन्नत करना । गेडण न [३] फेंकना । दे देना। गुलुगुछिअ वि [दे] बाड़ से अन्तरित । गेड्ड न [दे] पक्व । यव । गुलुगुल देखो गुलगुल । गेड्डी स्त्री [दे] गेड़ी। गुलुच्छ विदे] भ्रमित । गेण्ह देखो गिण्ह । गुलुच्छ पुं. स्तबक । गेण्हिअ न [दे] उरः-सूत्र, स्तनाच्छादक वस्त्र । गुल्लइय वि [गुल्मवत्] लता-समूहवाला, गुल्म गेद्ध देखो गिद्ध। गेरिअ) पुन [गैरिक] गेरु । मणि-विशेष, वि. युक्त। गुव देखो गुप्त - गुप् । गेरुअ । गेरु रंग का । पुं. त्रिदण्डी साधु । °गुवलय देखो कुवलय। गेलण्ण न [ग्लान्य] बीमारी, ग्लानि । गुवालिया [दे] देखो गोआलिआ। गेविज्ज न [ग्रैवेयक]ग्रीवा का आभूषण । गुविअ वि [गुप्त] व्याकुल, क्षुब्ध । गेवेज्ज अवेयक देवों का विमान । पुं. गुविल वि [गुपिल] गहरा, निबिड़ । न. झाड़ी, | गेवेज्जय | उत्तमश्रेणीके देवों की एक जाति । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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