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________________ कुत्थुहवस्थ-कुमुअ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष २४९ की छाती पर रहती है। कुब्बर पुं [कूबर] वैश्रमण के एक पुत्र का कुत्थुहवत्थ न [दे] नीवी, इजारबन्द । नाम । कुदो देखो कुओ। कभंड पुं [कुभाण्ड] देव-विशेष की जाति । कुद्द वि [दे] प्रभूत । कुभंडिंद पुं [कुभाण्डेन्द्र] इन्द्र-विशेष, कुद्दण पुं [दे] रासक । कुभाण्ड देवों का स्वामी । कुद्दव पुं [कोद्रव] धान्य-विशेष, कोदों, कुमर देखो कुमार ।। कोदव । कुमार पुं. प्रथम-वय का बालक, पाँच वर्ष तक कुद्दाल पुं. कुदारी । वृक्ष-विशेष । का लड़का। युवराज, राज्याह पुरुष । कुद्ध वि [क्रद्ध] कुपित । भगवान् वासुपूज्य का शासनाधिष्ठाता यक्ष । कुपचि (पै) अ [क्वचित्] किसी जगह में । लोहार । कात्तिकेय। शुक । घुड़सवार । कुप्प सक [कुप्] गुस्सा करना । सिन्धु नद । वरुण-वृक्ष । अविवाहित । कुप्प सक [भाष्] कहना। _ 'ग्गाम पुं [°ग्राम] ग्राम-विशेष । °णंदि पुं कप्प न [कुप्य] सुवर्ण और चाँदी को छोड़ [नन्दिन] इस नाम का एक सोनार। कर अन्य धातु और मिट्टी वगैरह के बने धम्म पुं [°धर्म] एक जैन साधु । °वाल पुं हुए गृह-उपकरण । [पाल] विक्रम की बारहवीं शताब्दी का कुप्पढ पुंदे] घर का रिवाज । गुजरात का एक सुप्रसिद्ध जैन राजा । कुप्पर न [दें] सुरत के समय किया जाता | कुमार पुं [दे] कुआर का महीना, आश्विन मास । हृदय-ताड़न-विशेष । समुदाचार । नर्म, ठट्ठा। कुप्पर पुं [कूर्पर] हाथ का मध्य भाग । जानु । कुमारा स्त्री. एक सन्निवेश । कुमारिय पुं [कुमारिक] कसाई, सौनिक । रथ का अवयव-विशेष । कुप्पर पुं [कपर] देखो कप्पर । भीत का कुमारिया स्त्री [कुमारिका] देखो कुमारी। जीर्ण-शीर्ण थर । कुमारी स्त्री. प्रथम वय की लड़की । अविवाहित कुप्पल देखो कुंपल। कन्या । घीकुआरी वनस्पति । नवमल्लिका । कुप्पास पुं [कूसि] कञ्चुक, जनानी कुरती । नदी-विशेष । जम्बू-द्वीप का एक भाग । अपकुप्पिस देखो कुप्पास। राजिता । सीता । बड़ी इलाची। वन्ध्या कुबर पुं [कूबर] भगवान् मल्लिनाथ का ककड़ी की लता। पक्षि-विशेष । शासनाधिष्ठायक यक्ष। कुमारी स्त्री [दे. कुमारी] पार्वती । कुबेर पुं.भगवान् कुन्थुनाथ के प्रथम श्रावक का कुमुअ पुं [कुमुद] एक वानर । महाविदेह-वर्ष नाम । यक्ष-राज, धनेश । भगवान् मल्लिनाथ का एक विजय-युगल, भूमि प्रदेश-विशेष । का शासनाधिष्ठाता यक्ष-विशेष । काञ्चनपुर न. चन्द्र-विकासी कमल। कुमुदाङ्ग को के एक राजा का नाम । इस नाम का चौरासी लाख से गुणने पर जो संख्या लब्ध एक श्रेष्ठी। एक जैन मुनि । °दिसा पुं हो वह । शिखर-विशेष । वि. पृथ्वी में आनन्द [°दिश्] उत्तर दिशा। नयरी स्त्री पानेवाला। खराब प्रीतिवाला। देखो [°नगरी] कुबेर की राजधानी, अलका । कुमुद। कुबेरा स्त्री. जैन साधु-गण की एक शाखा। कुमुअ पुं [कुमुद] देव-विशेष । °चंद पुं कुब्बड वि [दे] कुबड़ा । चन्द्र] आचार्य सिद्धसेन दिवाकर की मुनि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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