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________________ २३६ कासव संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष कास-काही आवाज करना। खाँसी की आवाज करना।। स्थान । भूमि स्त्री. नितम्ब-प्रदेश । खोखार करना । छींक खाना । कासार न [दे] धातु-विशेष, सीसपत्रक । कास पुं [काश, °स] रोग-विशेष, खाँसी ।। कासि पुं [काशी] काशी देश । काशी देश का तृण-विशेष । उसका फूल जो सफेद और राजा । स्त्री. बनारस शहर । °पुर न. काशी शोभायमान होता है। ग्रह-विशेष, ग्रह-देव नगरी। °राय पुं [राज] काशी देश का विशेष । रस । जगत् । राजा। °व पुं [4] काशी देश का राजा । कास देखो कंस = कांस्य । °वड्ढण पु [°वर्धन] इस नाम का एक कासंकस वि [कासङ्कष] प्रमादी, संसार में राजा, जिसने भगवान् महावीर के पास दीक्षा आसक्त। ली थी। कासग देखो कासय। कासिअ न [दे] बारीक कपड़ा। सफेद वस्त्र । कासमद्दग पुं [कासमर्दक] वनस्पति-विशेष, कासिअ न [कासित] छींक । । गुच्छ-विशेष । । कासिज्ज न [दे] काकस्थल-नामक देश । कासय । पुं [कर्षक] किसान । कासिल्ल वि [कासिक] खाँसी रोगवाला । कासी स्त्री [काशी] काशी। राय पु कासव पुं [कश्यप] इस नाम का एक ऋषि ।। [°राज] काशी का राजा। °स पु [श] हरिण की एक जाति । एक जाति की मछली । काशी का राजा । °सर पु [°श्वर] काशी दक्ष प्रजापति का जामाता। वि. दारू पीने का राजा। वाला। काह सक [ कथय् ] कहना । कासव न [काश्यप] इस नाम का एक गोत्र । काहर देखो काहार। पुं. भगवान् ऋषभदेव का एक पूर्व पुरुष । वि. काहल वि [दे] कोमल । काश्यप गोत्र में उत्पन्न । पुं. नापित । इस काहल वि [कातर] डरपोक, अधीर । नाम का एक गृहस्थ । न. इस नाम का एक काहल न. वाद्य-विशेष । अव्यक्त आवाज। 'अंतगडदसा' सूत्र का अध्ययन । काहला स्त्री. वाद्य-विशेष, महाढक्का । कासवनालिया स्त्री [काश्यपनालिका] श्री काहलिया स्त्री [काहलिका] आभूषण-विशेष । पर्णीफल । काहली स्त्री [दे] युवती। कासविजया स्त्री [काश्यपोया] जैन मुनियों काहल्लो स्त्री [दे] खर्च करने का धान्यादि । की एक शाखा। तवा । कासवी स्त्री [काश्यपी] पृथिवी । ऋश्यप | काहार पुं [दे] कहार, एक जाति जो पानी गोत्रीया स्त्री। 'रइ स्त्री [°रति] भगवान् भरने और डोली वगैरह ढोने का काम सुमतिनाथ की प्रथम शिष्या । करती है। कासा स्त्री [कृशा] दुर्बल स्त्री। काहार पुंन [दे] काँवर । कासाइया) स्त्री [काषायी] कषाय-रंग से | काहावण पुं [कार्षापण] सिक्का-विशेष । कासाई रंगी हुई साड़ी, लाल साड़ी।। काहिय वि [काथिक] कथा-कार । कासाय वि [काषाय] कषाय-रंग से रंगा हुआ काहिल पुं[दे] ग्वाला। वस्त्रादि। काहिल्लिा स्त्री [दे] तवा । कासार न. तलाब । कँसार । पुं. समूह । । काहीअ देखो काहिय । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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