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________________ २१६ कण्णा स्त्री [कन्या ] ज्योतिष शास्त्र - प्रसिद्ध एक राशि । कुमारी । 'चोलय न [° चोलक ] धान्यविशेष, जवनाल । णय न [नय ] चोल देश का एक प्रधान नगर । °लिय न [°लीक] कन्या के विषय में बोला जाता झूठ । कण्णाआस न [दे] कान का आभूषण । कण्णाधण न [ दे] कुण्डल | संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष कण्णा पुं [कर्णाट] देश - विशेष । वि. उस देश में उत्पन्न, वहाँ का निवासी । कण्णास पुं [दे] पर्यन्त, अन्त-भाग । for पुं [कर्ण] एक नरक-स्थान । कण्णिआ स्त्री [कर्णिका ] पद्म-उदर, कमल का बीज - कोष । कोण, अस्त्र । शालि वगैरह के बीज का मुख-मूल, तुष- मुख । कण्णिआर पुं [कण्णिकार] कनेर का गाछ । गोशालक का एक भक्त । न. कनेर का फूल । कण्णिलायण न [ कणिलायन] नक्षत्र विशेष का एक गोत्र । कण्णीरह देखो कन्नीरह । कण्णुप्पल न [कर्णोत्पल ] कान का आभूषणविशेष | कणेर देखो कण्णिआर । कण्णोच्छडिआ स्त्री [दे] दूसरे की बात गुपचुप सुननेवाली स्त्री । कण्णोढ ) स्त्री [दे] स्त्री को पहनने का } आ कण्णोढत्ती [दे] देखो कण्णोच्छडिआ । कण्णोप्पल देखो कण्णुप्पल कण्णोल्ली स्त्री [दे] चञ्च, पक्षी का ठोर, ठोंठ । अवतंस, शेखर, भूषण - विशेष । कण्णोवगण्णिआ स्त्री [कर्णोपकणिका] कर्णा कर्णी, कानाकानी । कोरिअ [] देखो कण्णस्सरिय | कण्ह पुं [कृष्ण] कन्द- विशेष | श्रीकृष्ण । पाँचवाँ वासुदेव और बलदेव के पूर्वजन्म के गुरु का नाम । देशावकाशिक व्रत को अति Jain Education International कण्णा - कण्हा चरित करनेवाला एक उपासक । विक्रम की तृतीय शताब्दी का एक प्रसिद्ध जैनाचार्य, दिगम्बर जैन मत के प्रवर्तक शिवभूति मुनि के गुरु । काला वर्ण । इस नाम का एक परिव्राजक, तापस । वि श्याम वर्ण । 'ओराल पुं. वनस्पति- विशेष | कंद पुं [ कन्द] वनस्पति- विशेष, कन्द- विशेष | कण्णयार पुं [कर्णिकार ] काली कनेर का गाछ । " कुमार पुं. राजा श्रेणिक का एक पुत्र । 'गोमी स्त्री ['गोमिन् ] काला शृगाल | 'णाम न [नामन् ] कर्म-विशेष, जिसके उदय से जीव का शरीर काला होता है । पक्खिय वि [ पाक्षिक ] क्रूर कर्म करनेवाला । बहुत काल तक संसार में भ्रमण करनेवाला (जीव ) । बंधुजीव पुं [' बन्धुजीव] वृक्ष - विशेष, श्याम पुष्पवाला दुपहरिया | 'भूम, भोम पुं [भूम ] काली जमीन । 'राइ, राई स्त्री [° राजि, 'जी] काली रेखा | एक इन्द्राणी, ईशानेन्द्र की एक अग्र महिषी । ' ज्ञाताधर्मकथा' सूत्र का एक अध्ययन-परिच्छेद । रिसि पुं [ऋषि] इस नाम का एक ऋषि, जिसका जन्म शंखावती नगरी में हुआ था । लेस, लेस्स वि [°लेश्य] कृष्ण-लेग्यावाला । 'लेसा, 'लेस्सा स्त्री [ 'लेश्या ] जीव का अति निकृष्ट मन:परिणाम, जघन्य - वृत्ति । वडिसय, 'वडेंसय न [वतंसक ] एक देव- विमान । वल्लि, 'वल्ली स्त्री. वल्ली-विशेष, नागदमनी लता । 'सप्प [सर्प ] काला साँप। राहु । सह न जैन साधुओं का एक कुल 1. कण्हई अ कण्हुइ । [कुतश्चित् ] किसी से। देखो कण्हा स्त्री [कृष्णा ] एक इन्द्राणी, ईशानेन्द्र की एक अग्र महिषी । एक अन्तकृत् स्त्री । द्रौपदी । राजा श्रेणिक की एक रानी । ब्रह्म देश की एक नदी । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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