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________________ ओइंध - ओगुट्टि ओइंध सक [ आ + मुच् ] छोड़ देना | फेंक देना । उतार कर रख देना । संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ओइण्ण वि [अवतीर्ण] उतरा हुआ । ओइत्त न [] परिधान | वस्त्र | ओइत्तण ओइल्ल वि [] आरूढ । ओउंठण न [ अवगुण्ठन] घूंघट | ओउल्लिय वि [दे] पुरस्कृत, आगे किया हुआ । ओऊल न [ अवचूल ] लटकता हुआ वस्त्राञ्चल । देखो ओचूल | अ अ [ओम् ] प्रणव । मुख्य मन्त्राक्षर । ओंकार पुं [ओङ्कार] 'ओं' अक्षर । गण अक [क्वण् ] अव्यक्त आवाज करना । अघ देखो उंघ | ओंडल न [ दे] केश-गुम्फ । केश रचना | अदुर देखो उंदुर । अबाल सक [छादय् ] ढकना । ओंबाल सक [ प्लावय् ] डुबाना | व्याप्त करना । ओकंबण देखो उक्कंबण । ओकच्छिया देखो उक्कच्छिआ । ओकड्ढ व [अपकृष्ट] खींचा हुआ । न. अपकर्षण | ओकड्ढग देखो उक्कड्ढग | ओकरग पुं [अवकरक] विष्ठा । ओक्कस सक [ अव + कृष् ] निमग्न होना । खींचना । बह जाना । वमन । ओक्खंच सक [ आ + कृष्] खींचना । ओक्खंड सक [अव + खण्डय् ] तोड़ना । Jain Education International ओक्खंडिअ वि [दे] आक्रान्त | ओक्खंद देखो अवक्खंद | ओक्खल देखो उऊखल । ओक्खली [दे] देखो उक्खली । ओक्खमाण (शौ) वि [ भविष्यत् ] भावी । ओक्खण वि [] अवकीर्ण । खण्डित । ढका हुआ । पार्श्व में शिथिल । ओक्खित्त वि [ अवक्षिप्त ] फेंका हुआ । ओखंच देखो ओक्खंच | ओगम देखो अवगम । ओगय वि [ उपगत ] प्राप्त । ओगर देखो ओग्गर । १९१ ओलिअ वि [ अवगलित ] गिरा हुआ, खिसका हुआ । ओगसण न [ अपकसन] ह्रास | ओहि वि [ अवगृहीत] उपात्त, गृहीत | ओगाढ वि [ अवगाढ] आश्रित । अधिष्ठित । व्याप्त । निमग्न । गहरा । ओक्कंत वि [ अवक्रान्त ] निराकृत । पराजित | ओक्कंदो देखो उक्कंदी | ओक्कणी स्त्री [] यूका । ओविकअ न [दे] वास, वसन, अवस्थान । ओगिण्हणया स्त्री [अवग्रहणता] ऊपर देखो । मन से जानना । ओगास पुं [अवकाश ] जगह | मार्ग | गाह क [अ + गाह, ] पाँव से चलना । अवगाहन करना । अगाहणा स्त्री [ अवगाहना ] आधार-भूत, आकाश-क्षेत्र | शरीर । शरीर-परिमाण । अवस्थान, अवस्थिति । णाम न ['नामन् ] कर्म- विशेष । णाम पुं [नाम] अवगाहनात्मक परिणाम । करना । ओगाहिम वि [ अवगाहिम ] पक्वान्न । ओगिज्झ सक [अव + ग्रह ] आश्रय लेना । ओfro अनुज्ञा-पूर्वक ग्रहण जानना | उद्देश करना | लक्ष्य कर कहना । ओगिण्हण न [ अवग्रहण ] सामान्य ज्ञान - विशेष, अवग्रह | His a [ अवगुण्डित] लिप्त । ओट्ठ स्त्री [अपकृष्ट] अपकर्ष, हलकाई । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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