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________________ १२६ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष आससण-आसिसा आससण न [आशसन] विनाश, हिंसा। | आसावि वि [आस्राविन्] झरनेवाला, आससा स्त्री [आशंसा] अभिलाषा। सच्छिद्र । आसा स्त्री [आशा] उम्मीद । दिशा । उत्तर आसास सक [आ + शास्] आशा करना । रुचक पर बसनेवाली एक दिक्कुमारी, देवी- | आसास अक[आ+श्वासय]सान्त्वना करना । विशेष । | आसास पुं [आश्वास] आश्वासन । विश्राम । आसाअ सक [आ+सादय् ] स्पर्श करना ।। द्वीप-विशेष । आसाअ सक [आ+स्वाद् चखना। आसास पुं [आश्वासक] विश्राम-स्थान, ग्रन्थ आसाअ सक [आ+सादय् ] प्राप्त करना । __ का अंश, सर्ग, परिच्छेद, अध्याय । वि. आसाअ सक [ आ+ शातय ] अवज्ञा करना, आश्वासन देनेवाला। अपमान करना। आसासग पुं [आशासक बीजक-नामक वृक्ष । आसाअ पुं[आस्वाद] स्वाद, रस । तृप्ति । । आसासण न [आश्वासन] सान्त्वना । ग्रहों के आसाअ पु [आऽस्वाद] स्वाद का बिलकुल | देव-विशेष । एक महाग्रह । वि. आश्वासनअभाव । दाता। आसाअ देखो आसय = आथय । आसि सक [आ + श्रि] आश्रय करना । आसाअ पु[आसाद] प्राप्ति । आसि वि [आशिन्] खानेवाला, भोजक । आसाढ पु [आषाढ] आषाढ़ मास । एक | आसिअ वि [आश्विक] अश्व का शिक्षक । निह्नव, जो अव्यक्तिक मत का उत्पादक था। आसिअ वि [आशित] खिलाया हुआ। 'भूइ पु [भूति] एक प्रसिद्ध जैन मुनि । भोजित । आसाढा स्त्री [आषाढा नक्षत्र-विशेष । आसिअ वि [आसित उपविष्ट, बैठा हुआ । आसाढी स्त्री [आषाढी] आषाढ़ मास की रहा हुआ, स्थित । पूर्णिमा । आषाढ़ मास की अमावस । आसिअ देखो आसित्त। आसादेत्तु वि [आस्वादयितु] आस्वादन | आसिअअ वि [दे लौह-निर्मित । करनेवाला। आसिआ देखो [आसिका] बैठना, उपवेशन । आसामर पु [आशामर] सातवें वासुदेव और आसिआ देखो आसी = आशिष् । बलदेव के पूर्वभवीय धर्मगुरु का नाम। आसिंच सक [आ+ सिच्] सींचना । आसायण न [आशातन] नीचे देखो। आसिण वि [आशिन्] खानेवाला, भोक्ता । अनन्तानुबन्धि कषाय का वेदन । आसिण पुं [आश्विन] आश्विन मास । आसायणा स्त्री [आशातना] विपरीत वर्तन, आसित्त वि [आसिक्त] थोड़ा सिक्त । सीचा अपमान, तिरस्कार। हुआ। पुं. नपुंसक का एक भेद । आसार सक [आ + सारय] तन्दुरस्त करना, आसित्तिया स्त्री [दे] खाद्य-विशेष । वीणा को ठीक करना। आसियावाय देखो आसीवाय। आसार पुं. समीकरण, वीणा को ठीक करना । | आसिल पुं एक महर्षि । वेग से पानी का बरसना । आसिलिट्ठ वि [आश्लिष्ट] आलिगित । आसालिय पुंस्त्री [आशालिक सर्प की एक | आसिलिस सक [आ + श्लिष्] आलिंगन जाति । स्त्री. विद्याविशेष ।। करना। आसावल्ली स्त्री [आशापल्ली] एक नगरी। आसिसा देखो आसी = आशिप । www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only Jain Education International
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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