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________________ परिहारिप-य] ( ५२० ) [परुस. - शुद्ध नामक अठारह महिनेका एक तप. यह तप नौ ___ put on. ज. प. ३, ५८; सूय. २, २, योग्य साधुनों के एक मंडलद्वारा अनुकमसे किया ५५; अोव० ११, २२; भग० २,५,६, ३३; जाताहै, ग्रिष्मऋतुम एक उपास जघन्य, कठ ११, १२; नाया०१, २, ५:८; १६; सू० प. मध्यम और अठम उत्कृष्ट, जाड़ेके दिनोंमे छट, १; पन० २; नाया. घ. उवा० २, ११२: माठम और चार उपवास, वर्षाऋतुमें चार आठम | परिहीण. त्रि० ( परिहीन ) डी; माधुं. हीन; तथा पांच अवास करते हैं पारणवसरपर याय. क्षुद्र; हलका. Less; light. जं. प. ५, म्बिल करते हैं। प्रथमतः चार साधु छ मास पर्यन्त ११५; प्रव० ६७७, उपरोक्त विधिसे तप करते हैं और शेष उनकी | परिहीन. वि. (परिहीन ) हित; हीन. रहित; सेवामें उपस्थित रहतेहैं फिर दुसरे ४ छ मास | हीन. Destitute of; devoid of. पर्यन्त और फिर एक साधु छ भास तक इस राय० ३६; प्रकार प्रहार महिनोंमें यह व्रत पूर्ण होता है। परीसह. पुं० ( परीषह) साधुमासे सन इससे जो विशुद्धि होती है और जो चारित्रा श्वानुं भूम, तरस वगेरेनुं ४४. साधुनोंको तयार होता है उसे "परिहारविशुद्धिय'' चारित्र । सहन करने योग्य भूख, प्यास आदिका कट. an कहतेहैं; यह चारित्रका तीसरा प्रकार है. An affliction of hunger, thirst etc. austerity so named entending fit to be borne by saints. मोव० upto 18 months; this is ३६; उत्त० २, १-१४; सम०६; २२; भग० performed by 9 saints turn १, २, १ ८,८; नाया. १; दस० ३. by turn. पंचा० ११, ३, उत्त० २८, ३२; १३, १०, १, १४; राय० २१५; भग० ८, २; १५, ६-७; पक्ख. न० ( परोक्ष ) सन्द्रियोनी सहायताथा परिहारिन-य. पुं० ( पारिहारिक ) नो परि. या ज्ञान: परोक्षज्ञान. इन्द्रियोकी सहायतासे १२ री शुद्ध मामा सेना२ साधु. दोषका होनेवाला ज्ञान; परोक्षज्ञान. a knowledge परिहार करके शुद्ध आहार ग्रहण करनेवाला साधु. produced by the help of the au ascetic who accepts pure food avoiding all faults. 91210 senses; perceptual knowledge. नंदी० २४; सु० च० ५,७१; -वयण. न० २. १, १, ४; निसी० २, ४०; विशे० १२७२, ( -क्चन) २ महारतुं ४ मतावानुं क्व० १, २२: प्रव० ६१० वयन; म-ते-हेत. दृष्टिसे परे किसी परिहारिय. त्रि० (परिहार्य ) परिहवा-ता पदार्थका निर्देश-यथावह-देवदत्त. a word वाय. परिहार करने या त्यागने योग्य. Fit indicating an object beyond to be avoided or abandoned क्व० ७, १८; sight e.g. that Devadutta etc. परिहास. पु० ( परिहास ) हास्य; भरी प्राया० २, ४, १, १३२; हास्य; उपहास; मश्की ; मजाक. Laughter; | परगण. त्रि० (प्ररुदित) रोमेडं; ३४न ४२८. a joke सूय० १ १४, १६; रोयाहुमा; रुदित; रुदन कियाहुमा (one) परिहि. पुं० ( परिधि) धेशवो, घेरा; परिघि. | who has cried; wept. भग० १५,१; Circumference. प्रव. १४१७; परुस. त्रि० ( परुष) नि; श. कठिन; परिहि-य. त्रि० ( परिहित ) धा२९॥ २९; कर्कश; कठोर. Hard; cruel. सूय० १, महेरेलु धारणा कियाहुप्रा; पहिलाहुमा. worn; I २, २, ५; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016015
Book TitleArdhamagadhi kosha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Maharaj
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1988
Total Pages705
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Gujarati, English
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size17 MB
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