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________________ अरयाण ] ( ३८६) [अरह - २, ३; सू० ५० ५०; ( 3 ) पायमा वसोना संरेख नलि: २स विनानु; नी२स. हींग विमानना मे पाथर्डी. पांचवें देवलोक | आदि द्रव्य स संस्कारित न किया हुश्रा; रस के विमान का एक पाथड़ा-परत. a.layer | हित; नीरस. Insipid; tasteless; of the heavenly abode of the juice-loss. " अरसं विरसं वावि, सूश्यं fifth Devaloka. ठा० ६; (४) त्रि. वा असूइयं " दस० ५, १, ६८; श्रोव० १६; २०४-मेसहित. रज राहत; निर्मल. free from नाया० १६; भग० २, १०;६, ३३; ११, १,२०, dirt. कप्प० २, १३;-अंबर.न०(-अम्बर) ५;-आहार. पुं० (-आहार ) २स पिनाना २०४२हित पत्र. स्वच्छ वस्त्र; रज राहत वस्त्र. माल।२. रस रहित आहार. in-sipid cloth or garment free from dust. food; tasteless food. ठा० ५,१; (२) जं० प० ५, ११८; कप्प० २, १३;-अं- નીરસ આહાર લેવાનો અભિપ્રહ ધારણ કરનાર बरवत्थ. न० (-अम्बरवस्त्र ) २००२हित साधु. नीरस आहार ग्रहण करने का अभिग्रह भाशयां २५२७१रत्र; नि सु . रज धारण करने वाला साधु. an ascetic who रहित श्राकाश के समान स्वच्छ वस्त्र; निर्मल वस्त्र. has vowad to receive tasteless a clean cloth; cloth as clean as food.ठा. ५,१; परह० २, १;-जीवि. पुं. the sky. भग० ३, २; जं० ५० (-जीविन्-अरसेन जीवितुं शीलमस्येति)२स अरयणि. पुं० ( अरनि) विस्तृत मांगणि આહારથી જીવનાર;અભિગ્રહ ધારી મુનિવિશેષ. सलिन हाय. विस्तृत-खुली अंगुली सहित हाथ, रसहीन याहार से जीने वाला; अभिग्रहधारी मुनि A hand with the fingers विशेष. an ascetic living on tastestretched. ठा. ४,४; less food. ठा० ५, १; भग० ६, ३३; -मेह. पुं० (-मेघ ) २स विनाने। १२सा; अरया. स्त्री० (*अरजा-अरजस्) मुवियनी જેને ઘણે ત્રહ ન રહે તેવો વરસાદ. भुन्य सयानी. कुमुद विजय की मुख्य रस रहित वर्षा. unsubstantial train. राजधानी. The capital city of जं. प. २, ३६; भग० ७, ६ Kumuda Vijaya. foto अरह. पुं० (अरहस्- न विद्यते रहो गुप्तं यस्याअरवग.त्रि० (अर्वक ) अब देशमा रहेनार सावरहाः)६४ ५ २७२५ नोनी हार मनुष्य वगेरे. अब देश के रहने वाले मनुष्य नयाते; अरिहंत भगवान्. कोई भी रहस्य जिस वगैरह. ( A resident etc.) of the से छिपा नहीं है वह; अरिहंत भगवान्. One to. Arva country. पन्न० १; whom nothing can be a secret; अरविंद. न० ( अरविन्द ) मस. कमल; पद्म. an Arihanta. ठा०४,१;८, १;-स्सर. A kind of lotus. 'geng at त्रि०(-स्वर) ना अट२-सवा छेते; जह अरविंदमाहु " सूय० १, ६, २२; મોટા અવાજવાળો; ખુલ્લી વાત કરનાર २, ३, १८; पन्न. १; पण्ह २, ४; उच्च स्वर वाला; बड़ी आवाज वाला.(one) -लोण. त्रि० (-लोचन ) भी समान having a loud voice; frank. नेत्रवाणी. अरविन्द-कमल के समान ' हैं नेत्र' " अरहस्सरा केइ चिरठितीया " सूय. जिसके, वह. lotus-oyed. कप्प० ३, ४७| १, ५, २, ११; अरस. त्रि. (अरस ) लिंग आदि यथी। अरह. पुं० (महत्) / माहिना पूनीय; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016013
Book TitleArdhamagadhi kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Maharaj
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1988
Total Pages591
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Gujarati, English
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size15 MB
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