SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 399
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अप्प ] की संपत्ति की अवहेलना करके अपनी संपत्ति को विशेष मानने वाला; अपनी प्रशंसा करने वाला. self-applauding; self-exalting. जं० प०,–चउत्थ. त्रि० (चतुर्थ) જેમાં પોતાને ચોથા નંબર છે તે; પોતે જેમાં थोथे छे ते. जिसमें अपना चौथा नंबर हो वह having oneself ag the fourth of a series or group. ( ३१६ ) य० १, ४८; वव० ४, ५, ६ ८ ६; १०; ११; ५, ३; ८; --- छठ्ठ. त्रि० (षष्ठ ) म पोते छोछे ते. जिसमें खुद का छठा नंबर हो वह having oneself as the sixth of a group or series. नाया० ६; १६; १८; – तइय त्रि० (-- तृतीय ) पोते नेत्रनंरे छे ते स्वयं जिसमें तीसरे नंबर पर हो वह having one-self as the third of a group or series. वेय ०१, ४७; ४८; वव० ४, ५, ६, ८ ५ ३: पंचम. त्रि० (पश्चम) पोछे ते; पोता सहित पाया जिसमें खुद पांचवाँ हो वह अपने सहित पांचवाँ having oneself as the fifth of a group or series. वत्र० ४, ८ पर. त्रि० (-पर- श्रात्मा च पश्चात् तथा ) पोते ने श्रीपोते अथवा मीले. और दूसरा स्वयं अथवा दूसरा oneself and others; oneself or another. नाया० ७; -- बिइति-य. त्रि० (द्वितीय) पोते भी छे ते; पोता सहित मे स्वयं जिसमें दूरसा है वह. having oneself as the second of a group or series; forming a group of two inclusive of oneself. वेय • १, ४ ४७; वव० ४, २, ५, १; -- वस. त्रि० (-वश ) स्वतंत्र; घोताने यश; परवश नहि. श्रात्मवश; स्वाधीन; जो परवश नहीं है वह. self-dependent; खुद Jain Education International [ अप्पट्ठाण < independent. गच्छा० ६८; नाया० १६; - वसा. स्त्री० (-वशा ) २१२६ स्त्री; निरंदेश नारी स्वच्छंद स्त्री; स्वेच्छाचारिणी नारी. a self-willed woman; a woman without any body to curb her. नाया० ध० - वह पुं० ( - वध ) आत्मघात; घोताने वध-धान रवी ते. आत्महत्या. guicide. भत्त० १३; – वाइ. पुं० (-वादिन् ) 'पुरुष एवेदं सर्व' हे माय छे ते सर्व આત્મા શિવાય બીજું કંઈ નથી–એકજ આ મતત્ત્વને પ્રતિપાદન કરનાર વાદી; અદ્વૈતवाही " पुरुष एवेदं सर्व " जो कुछ दिखता है वह सब आत्मा है, भात्मा के सिवाय दूसरा कुछ नहीं हैं, इस प्रकार केवल आत्मतत्व का प्रतिपादन करने वाला वादी; अद्वैतवादी. & pantheist; a non-dualist. नंदी ० - सत्तम. त्रि० (-सप्तम भ સાતમે હાય તે; પેતા સહિત સાતમે. जिसमें स्वयं सातवाँ हो वह having oneself as the seventh of a series or group. 'मलणं अरहा अपसत्तमे मुंडे भवित्ता ' ठा० ७;-- हिय न० ( -हित ) आत्महितः आत्मानुं श्रेय भई आत्मा का भला; आत्मा का हित. welfare of the soul or self. गया० ७; अप्परहाण. पुं० (अप्रतिष्ठान-न विद्यते प्रतिष्ठान मौदारिकशरीरादेः कर्मणो वा यत्र सो sप्रतिष्ठान ) भोक्ष; भुक्ति. मोक्ष; मुक्ति. Salvation; final liberation. आया० १, ५, ६, १७०; ( २ ) सातभी નરકના પાંચ નરકાવાસામાંને મધ્યવાર્ત એક नरवासी. सातवें नरक के पांच नरकावासों में से मध्यवर्ती एक नरकावास. name of the middle of the five infernal abodes of the seventh For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016013
Book TitleArdhamagadhi kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Maharaj
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1988
Total Pages591
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Gujarati, English
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy